दिल्ली में पशुपति पारस की अमित शाह से मुलाकात, चिराग के रुख के बीच मुलाकात का विशेष महत्व
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में पूर्व सांसद प्रिंस राज भी शामिल थे। यह बैठक इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर ने वक्फ बोर्ड बिल, क्रीमी लेयर के लिए आरक्षण और यूपीएससी लेटरल एंट्री जैसे मुद्दों पर सरकार से अलग रुख अपनाया है।
आरएलजेपी के इस अलग रुख के बाद, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पशुपति पारस से मुलाकात की थी। अब पारस की दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात ने एनडीए के साथ बने रहने के बावजूद लोकसभा चुनाव में उनकी बढ़ती लोकप्रियता का संकेत दिया है। बैठक के दौरान पशुपति कुमार पारस ने अमित शाह को आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन देती रहेगी।
चिराग पासवान एनडीए से अलग रुख अपनाते हुए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण के भीतर क्रीमी लेयर के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह का वर्गीकरण आरक्षण के मूल उद्देश्यों को कमजोर करता है और आरक्षण का आधार आर्थिक स्थिति के बजाय सामाजिक अन्याय पर होना चाहिए।
यूपीएससी लेटरल एंट्री के मुद्दे पर, लोजपा का कहना है कि सिविल सेवाओं में प्रवेश की कोई भी नीति सभी के लिए समान होनी चाहिए, जिससे वंचित समूहों को उचित प्रतिनिधित्व और अवसर मिल सके। चिराग पासवान की लोजपा ने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए पारदर्शिता और समानता को प्राथमिकता देने वाले सुधारों की अपील की है। वक्फ बोर्ड विधेयक के समर्थन, क्रीमी लेयर के विरोध, और सिविल सेवा भर्ती में समावेशी नीतियों की वकालत के जरिए, उनकी पार्टी पिछड़े समुदायों की चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की रणनीति अपना रही है।