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त्योहारों के बीच, शहर की 1500 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब, गली-मोहल्ले अंधेरे में डूबे

शहर में 1500 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। सभी 49 वार्डों में औसतन 30 से 40 स्ट्रीट लाइटें या तो खराब हो चुकी हैं या बंद पड़ी हैं। इन लाइटों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम ने निजी एजेंसी एस्सेल को सौंपी थी, लेकिन इस कार्य में गंभीर खामियां देखने को मिल रही हैं। वार्ड पार्षदों के साथ-साथ नगर निगम के स्टैंडिंग मेंबर्स भी इस स्थिति से नाखुश हैं।

मोतीझील फ्लाईओवर की स्प्रिंकलर लाइट भी खराब है, जबकि त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और शहर के गली-मोहल्ले रात में अंधेरे में डूबे रहते हैं। यह स्थिति नगर निगम बोर्ड की आगामी बैठक में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।

स्टैंडिंग मेंबर राजीव कुमार पंकू ने बताया कि एजेंसी को पहले ही दो बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ है। अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो एजेंसी को हटाने के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा।

शहर में 14,000 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं, लेकिन वार्ड नंबर 40 के पार्षद मोहम्मद इकबाल के अनुसार, अकेले उनके वार्ड में 93 पोल पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। उनका मानना है कि स्ट्रीट लाइट्स की उपस्थिति से अपराध पर नियंत्रण हो सकता है।

वार्ड नंबर 30 की पार्षद सुरभि शिखा ने बताया कि उनके वार्ड में 30 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, लेकिन मेंटेनेंस का कोई प्रभावी इंतजाम नहीं है। इसी प्रकार, वार्ड नंबर 34 की पार्षद चंदा कुमारी और वार्ड नंबर 7 की पार्षद सुषमा देवी ने भी अपने-अपने वार्डों में खराब स्ट्रीट लाइटों के मुद्दे को उठाया है। उनका कहना है कि मेंटेनेंस का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे लोगों की शिकायतें बढ़ रही हैं।

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