“जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार, इनायतपुर सोनावती रेशमा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजीत कुमार अमर और शिक्षक अरविंद को निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को स्कूल परिसर में महिला शिक्षिका के साथ थप्पड़ मारने की घटना के बाद जमकर हंगामा हुआ था। स्थापना विभाग के पत्र के अनुसार, बीईओ पटोरी के छह जांच रिपोर्टों (पुराने अलग-अलग मामले) में की गई अनुशंसा और जिला शिक्षा पदाधिकारी की सहमति के बाद छात्रों के नामांकन और पंजीकरण में अवैध वसूली, शिक्षक आचरण संहिता के उल्लंघन और सरकारी कार्य में बाधा डालने के कारण दोनों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय बीईओ मोहिउद्दीननगर का कार्यालय रहेगा।

पटोरी प्रखंड के राजकीय सोनावती रेशमा उच्च माध्यमिक विद्यालय, इनायतपुर धमौन में मंगलवार को एक शिक्षक ने महिला शिक्षिका को थप्पड़ मार दिया, जिससे स्कूल में हंगामा मच गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। बाद में बीईओ ने जांच के बाद अनुशंसा की, जिसके बाद सभी शांत हुए।

मामले की जानकारी के अनुसार, विवाद स्कूल की चाबी रखने वाले शिक्षक के देरी से आने के कारण हुआ। वे अक्सर देरी से ही स्कूल आते थे। मंगलवार को शिक्षिका जब सुबह स्कूल पहुंची तो स्कूल बंद था। बाद में जब चाबी रखने वाले शिक्षक आए, तो शिक्षिका ने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि एचएम के आने के बाद ही स्कूल खुलेगा। इसी पर दोनों में बहस शुरू हो गई और शिक्षक ने शिक्षिका को थप्पड़ मार दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए, जिससे पुलिस को बुलाना पड़ा।

घटना की सूचना पर पटोरी पुलिस और बीईओ राकेश कुमार स्कूल पहुंचे। बीईओ ने एचएम और शिक्षकों की मौजूदगी में ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधियों से बात की। ग्रामीणों ने एचएम अमरजीत कुमार अमर की लापरवाही और सुस्ती के बारे में बताया, जिससे स्कूल का प्रबंधन प्रभावित हो रहा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एचएम नशे की हालत में स्कूल आते हैं और अवैध राशि वसूलते हैं। इससे संबंधित वीडियो भी वायरल हुए थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। एचएम के खिलाफ पहले से ही छह मामलों की जांच चल रही थी, लेकिन अधिकारी के टेबल पर फाइलें दबा दी जाती थीं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि इतने मामलों के बावजूद शिक्षा विभाग जांच में सुस्ती क्यों दिखा रहा है। उनका कहना है कि कार्रवाई न होने से इन शिक्षकों का मनोबल बढ़ता जा रहा था