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शिक्षक बहाली में आरक्षण का विवाद: बिहार सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच का संघर्ष

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक बहाली परीक्षा के तीसरे चरण में अब पूर्व निर्धारित आरक्षण कोटा ही लागू रहेगा। बिहार सरकार द्वारा आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद, शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को इस संदर्भ में निर्देश जारी किए हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को पत्र लिखकर 50 फीसदी आरक्षण के अनुसार बीपीएससी शिक्षक बहाली के तीसरे चरण में नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा विभाग ने गुरुवार को जारी किए गए अपने पत्र में कहा कि बैकलॉग रिक्तियों की गणना करके 50 फीसदी आरक्षण के साथ नए सिरे से रोस्टर तैयार किया जाए। इस संदर्भ में सभी डीईओ से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के लिए वर्ग 1-5 और वर्ग 6-8 की रिक्तियों का रोस्टर क्लियर करने की प्रक्रिया जारी है।

यह उल्लेखनीय है कि बीपीएससी शिक्षक बहाली के तीसरे चरण के लिए मार्च महीने में परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। इसके बाद जून महीने में फिर से परीक्षा का आयोजन हुआ, जिसमें 87774 पदों पर बहाली के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी डीईओ से कहा कि स्थिति बदल सकती है, इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि परिणाम पर इसका कोई प्रभाव न पड़े। यह भी उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा एससी, एसटी, पिछड़ा और अति पिछड़ा आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले पर पटना हाई कोर्ट की रोक को बरकरार रखा था। अब इस मामले में सितंबर महीने में सुनवाई होनी है, तब तक राज्य में विभिन्न पदों पर बहाली पुराने कोटा फॉर्मूले से ही हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शिक्षा विभाग की तरह अन्य विभाग भी अपने आरक्षण रोस्टर में परिवर्तन करेंगे या नहीं

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