विश्वविद्यालय सुधार को लेकर ABVP का प्रदर्शन: मांगें पूरी न होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा आक्रोश मार्च निकाला गया। इस मार्च में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, वैशाली और बेतिया से आए छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में नारेबाजी करते हुए धरना दिया। छात्रों का यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार, नामांकन शुल्क में वृद्धि, परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी, प्रमाण पत्र वितरण में अवैध वसूली और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर था। छात्रों ने एलएस कॉलेज से लेकर धरनास्थल तक आक्रोश मार्च किया।
प्रदर्शन के दौरान डीएसडब्ल्यू ने छात्रों से वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने उन्हें लौटा दिया। बाद में कुलानुशासक और परीक्षा नियंत्रक के साथ डीएसडब्ल्यू फिर से पहुंचे, लेकिन छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने केवल कुलपति से बात करने की मांग की। लगभग तीन घंटे बाद, कुलपति प्रो. डीसी राय और अन्य पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छात्रों की पांच सदस्यीय समिति से उनकी मांगों पर चर्चा की।
महानगर जिला संयोजक मयंक मिश्रा से बातचीत के बाद कुलपति ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। ABVP कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। इस प्रदर्शन में दीपांकर गिरी, रणविजय नारायण सिंह, पुष्कर सिंह, अभिनव राज, प्रभात मिश्रा, दिव्यज्योति, अंजली, मानसी, स्वेता, सुजीत मिश्रा, अभिजीत राय, विशाल झा, सोनू, अरविंद कुशवाहा, आयुष आदित्य, अनीश कुमार, हर्ष आदि छात्र शामिल थे।
छात्रों की प्रमुख मांगों में स्नातक पार्ट 2 और पीजी फर्स्ट सेमेस्टर का परिणाम सुधार, फीस में असमानता को समाप्त करना, उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन को फीस कम करने का प्रस्ताव भेजना, सिंगल विंडो सिस्टम लागू करना, बेतिया एक्सटेंशन काउंटर पर कर्मचारियों की नियुक्ति, तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण, एलएस कॉलेज के हॉस्टल का पुनः खुलना, और स्नातक-पीजी में एससी-एसटी और छात्राओं का नि:शुल्क नामांकन शामिल थे।