धर्म

72 वर्षीय कृष्णा बम की अद्भुत आस्था: 41वीं बार देवघर में करेंगी जलाभिषेक, 110 किमी की यात्रा 14 घंटे में पूरी

मुजफ्फरपुर की कृष्णा बम एक बार फिर बाबा के जलाभिषेक के लिए घर से निकल चुकी हैं। इस बार वे 41वीं बार सुल्तानगंज से जल लेकर कांवड़ यात्रा की शुरुआत करेंगी।

कृष्णा बम ने बताया कि उनके पति अचानक बीमार हो गए थे और पारिवारिक स्थिति बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्होंने संकल्प लिया था कि वे बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करेंगी। उन्होंने 1976 में इस यात्रा की शुरुआत की थी।

1982 से लेकर 2022 तक हर सावन की पहली सोमवारी को सुल्तानगंज से पैदल देवघर जाकर बाबा का जलाभिषेक करती आई हैं। कुल मिलाकर 40 वर्षों तक उन्होंने यह यात्रा की है।

2023 में स्वास्थ्य कारणों से वे यात्रा पर नहीं जा सकीं। उनका पैर टूट गया था और स्टील लगा था, जिसे अब हटा दिया गया है। इस बार वे पहली सोमवारी को ही बाबा वैद्यनाथ को जल अर्पित करेंगी और तीसरी सोमवारी को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जल अर्पित करेंगी।

जिले के चकबासू निवासी पेशेवर शिक्षक कृष्णा रानी उर्फ कृष्णा बम (72) शिव भक्ति के विषय पर भावुक हो जाती हैं। कांवरिया पथ पर वे माता बम के रूप में प्रसिद्ध हैं। सुल्तानगंज से देवघर तक के पंडा-पंडितों, कांवरिया और प्रशासनिक अधिकारियों को भी उनका इंतजार रहता है। वे 110 किलोमीटर की डाक कावड़ यात्रा 14 से 16 घंटे में पूरी करती रही हैं और हरिद्वार से देवघर तक की कांवड़ यात्रा एक महीने में पूरी की है।

कृष्णा बम ने कहा कि वे मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी से जलबोझी कर पैदल 140 किलोमीटर की दूरी तय कर महाकालेश्वर मंदिर जाएंगी। उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ पाकिस्तान के कटास राज बाबा का भी दर्शन और पूजन किया है।

1982 से 2022 तक सुल्तानगंज से देवघर की यात्रा करने के बाद, 2006 में दंड प्रणाम करते हुए दांडी बम बनकर यात्रा पूरी की। 1976 से 1982 तक लगातार पहले जाघाट से मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ तक करीब 85 किलोमीटर की डाक कांवर यात्रा की और बाबा को जल अर्पित किया।

1988 में हरिद्वार से देवघर तक एक माह में कांवड़ यात्रा की। तीन माह में गंगोत्री से रामेश्वर तक पैदल यात्रा की, जिसमें उनके बेटे मुकेश कुमार ने सहयोग किया। घरवालों ने यात्रा पर जाने से मना किया, लेकिन उन्होंने बाबा बैजनाथ धाम के लिए निकलने का निर्णय लिया है। वे मानती हैं कि बाबा की कृपा से यात्रा सफल होगी। बाबा वैद्यनाथ पहुंचने के बाद महाकाल दर्शन के लिए भी प्रस्थान करेंगी। वे गंगोत्री से रामेश्वर, पाकिस्तान के कटासराज, मानसरोवर की कैलाश यात्रा और साइकिल से 12 बार वैष्णो देवी माता मंदिर भी जा चुकी हैं। उनकी शिव भक्ति में अटूट आस्था है।

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