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डिजिटल माध्यम से मरीजों की देखभाल में बांका अव्वल, दूसरे और तीसरे स्थान पर ये जिले; भोजपुर सबसे पीछे

राज्य के अस्पतालों में मरीजों को डिजिटल माध्यम से देखा जा रहा है, और इस मामले में बांका जिले ने 99.02% के साथ पूरे राज्य में शीर्ष स्थान हासिल किया है। दूसरी ओर, भोजपुर जिला 69.57% के साथ सबसे पीछे है। स्वास्थ्य विभाग ने 12 अगस्त से 17 अगस्त तक विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा डिजिटल माध्यम से मरीजों की जांच की स्थिति का आकलन किया। इसमें यह पाया गया कि 69% से अधिक मरीज अब कागज के पुर्जे के बजाय डिजिटल पुर्जे पर इलाज करवा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में पाया गया कि बांका के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 12 से 17 अगस्त के बीच 8665 मरीजों ने इलाज के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से 7816 मरीजों के पास मोबाइल की सुविधा थी। रजिस्टर्ड मरीजों में से 8332 मरीजों का नर्स द्वारा तापमान, बीपी आदि की जांच की गई, जबकि 8580 मरीजों को डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन कंसल्टेशन (सलाह) दी गई।

डिजिटल माध्यम से मरीजों की देखभाल में कटिहार 98.41% के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि किशनगंज 97.33% के साथ तीसरे और समस्तीपुर 94.54% के साथ चौथे स्थान पर है। सीवान 94.35% के साथ पांचवें स्थान पर है। पटना 71% के साथ 37वें स्थान पर और भागलपुर 75.97% के साथ 35वें स्थान पर है। मुजफ्फरपुर 92.69% के साथ नौवें स्थान पर है।

ऑनलाइन कंसल्टेशन क्या है: अस्पताल में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीज का आधार नंबर के माध्यम से डिजिटल पुर्जा बनाया जाता है, जिसके बाद डॉक्टर ऑनलाइन कंसल्टेशन देते हैं और जांच एवं दवा की सलाह डिजिटल पुर्जे पर ही दी जाती है।

जिलेवार आंकड़े:

डिजिटल पुर्जे का लाभ यह है कि इससे मरीज की केस हिस्ट्री (बीमारी का इतिहास) आसानी से पता चल जाता है, जिससे इलाज में सहूलियत होती है।

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