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अनजान कॉल पर इन 3 बातों से रहें सावधान: शेयर ट्रेडिंग और टेलीग्राम के जाल में फंस रहे लोग

बेगूसराय में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए यहां साइबर थाना स्थापित किया गया है। हाल ही में, शुक्रवार को एक प्रसिद्ध व्यक्ति डिजिटल अरेस्टिंग का शिकार हुआ, जिसकी चर्चा हर ओर हो रही है। हालांकि, अधिकांश लोग साइबर ठगी का शिकार होने के बाद इसे नजरअंदाज कर देते हैं या 1930 पर शिकायत दर्ज नहीं कराते। फिर भी, 1 जून 2023 से अब तक बेगूसराय में 100 से अधिक साइबर क्राइम के मामले दर्ज हो चुके हैं।

साइबर ठगी के तरीके:

1. डिजिटल अरेस्टिंग:
इस नए तरीके में लोगों को फोन पर बताया जाता है कि उनके नाम से कुरियर में प्रतिबंधित सामान (जैसे गांजा या चरस) मंगवाया गया है। इसे मैनेज करने और रिपोर्ट से बचने के लिए उनसे पैसे मांगे जाते हैं। पीड़ित को डराने के लिए वीडियो कॉल पर रखा जाता है और उसे निर्देशानुसार काम करवाया जाता है।

2. बच्चों के माता-पिता को फंसाना:
बच्चों के माता-पिता को फर्जी कॉल करके बताया जाता है कि उनका बच्चा रेप या मर्डर के मामले में पकड़ा गया है। डर के मारे, माता-पिता बिना सत्यापन के पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।

3. टेलीग्राम एप के जरिए ठगी:
लोगों को टेलीग्राम पर जोड़कर उन्हें टास्क देकर पैसे कमाने का लालच दिया जाता है। शुरुआती टास्क में लाभ देने के बाद, उन्हें बड़े निवेश के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके बाद, उनके पैसे फंस जाते हैं और उन्हें निकासी के लिए अतिरिक्त पैसे देने के लिए कहा जाता है।

4. शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से ठगी:
लोगों को शेयर में निवेश का लालच दिया जाता है। शुरुआत में मुनाफा देकर बाद में अधिक निवेश करवाया जाता है। जब वे बड़ा निवेश कर देते हैं, तो उनका पैसा फंस जाता है।

5. अन्य धोखाधड़ी:
कभी-कभी लोगों को होटल, यूट्यूब लाइक या बिजली बिल भुगतान जैसे फर्जी मैसेज भेजे जाते हैं, जिससे वे पैसे गंवा देते हैं। ओटीपी या लिंक साझा करने पर साइबर ठग उनके खाते से सारा पैसा निकाल लेते हैं।

सावधानियां:

  • घर बैठे अधिक पैसा कमाने के लालच में न फंसें।
  • किसी भी वारंट या धमकी भरे कॉल को सत्यापित करें।
  • कभी किसी से ओटीपी या लिंक साझा न करें।
  • लिंक के माध्यम से भुगतान करते समय सावधान रहें।

साइबर डीएसपी इमरान अहमद की सलाह:

साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है। किसी भी डिजिटल ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें।

साइबर क्राइम से जुड़ा डाटा:

2022 तक, बिहार में साइबर क्राइम के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 2020 में 1512, 2021 में 1413, और 2022 में 1621 मामले दर्ज हुए।

बेगूसराय में डिजिटल अरेस्टिंग का शिकार सुमन सौरभ बताते हैं कि उन्हें कुरियर से प्रतिबंधित सामान भेजे जाने का झूठा आरोप लगाकर ठगने की कोशिश की गई थी। समय रहते हुए उन्होंने ठगी से बचने के लिए सही कदम उठाए।

कुमार भवेश और अमरेन्द्र कुमार अमर जैसे वरिष्ठ पत्रकार और अधिवक्ता भी मानते हैं कि लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है।

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