बिहार पुलिस के अफसरों को मिलेंगे लैपटॉप और स्मार्टफोन, गृह विभाग ने 190 करोड़ की मंजूरी दी
बिहार में तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्यों की अहमियत बढ़ गई है। अब पुलिस जांच और ट्रायल के दौरान आडियो-वीडियो साक्ष्य अनिवार्य हो गए हैं। इन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी पुलिस अधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिए जाएंगे, जो आपराधिक मामलों की जांच कर रहे हैं। गृह विभाग ने इसके लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, अनुसंधान अधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्टफोन की खरीद पुलिस मुख्यालय के जरिए नहीं होगी। सभी जांच अधिकारी अपने स्तर पर इन उपकरणों की खरीद करेंगे, और खरीद बिल के आधार पर उन्हें मुख्यालय से प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी। लैपटॉप के लिए 60 हजार रुपये और स्मार्टफोन के लिए 20 हजार रुपये की राशि निर्धारित की गई है। इन उपकरणों का स्थायी उपयोग होगा, यानी तबादले के बाद भी ये उपकरण अधिकारियों के पास रहेंगे।
सरकार ने इस सुविधा के लिए शर्त रखी है कि यह केवल उन्हीं अनुसंधान अधिकारियों को दी जाएगी जिनकी सेवा स्थाई हो चुकी है या जिनकी अधिकतम आयु 55 वर्ष से कम है। उपकरणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। इस कदम से पुलिस मामलों की गुणवत्ता और समय पर अनुसंधान में सुविधा होगी। इसके साथ ही, न्यायिक प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बढ़ेगा और त्वरित न्याय दिलाने में भी पुलिस को सहायता मिलेगी।