बिहार: नदियों में उफान, कई जिलों में बाढ़ की स्थिति,पटना के NH-31 पर जलभराव
गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय में गंगा का पानी तेजी से बढ़ रहा है। मुंगेर में चंडिका स्थान मंदिर के गर्भगृह में 5-6 फीट तक गंगा का पानी भर गया है, जिसके कारण मंदिर को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। बेगूसराय के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल चुका है और शहरी इलाकों में भी गंगा का पानी प्रवेश कर रहा है। वैशाली के राघोपुर में गंगा का पानी थाने तक पहुंच गया है, जिससे पुलिसकर्मियों को बाढ़ के पानी में ही अपनी ड्यूटी करनी पड़ रही है।
राजधानी पटना के NH-31 पर गंगा का पानी आने से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है। भागलपुर में अजमेरीपुर बैरिया के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में भी बाढ़ का पानी पूरी तरह से घुस गया है। स्कूल के सभी क्लासरूम और लाइब्रेरी पानी में डूब गए हैं। तिलकामांझी यूनिवर्सिटी भी बाढ़ से प्रभावित है, जहां घुटने तक पानी भर चुका है। यूनिवर्सिटी से 110 छात्राओं को ट्रैक्टर के जरिए सुरक्षित निकाला गया।
पटना के NH-31 पर 2 से 3 फीट तक पानी भरने से लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाई हो रही है। अथमलगोला के पास सड़क पर और कई घरों में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है। दियारा क्षेत्र के लोग बाढ़ के कारण अपने घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं और सड़क किनारे अस्थायी बांस और प्लास्टिक के त्रिपाल से रहने की व्यवस्था कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना और वैशाली जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने जिला प्रशासन को अलर्ट रहने और बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव और भोजन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बिहार में मानसून अब कमजोर पड़ चुका है और राज्य में बारिश की संभावना बेहद कम है। मौसम विभाग के अनुसार, धीरे-धीरे बिहार से मानसून की विदाई हो रही है। इस साल राज्य में अब तक 27% कम बारिश दर्ज की गई है, जहां 925.5 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, वहीं अब तक सिर्फ 676.1 मिमी बारिश हुई है।