कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे निंदनीय बताया। साथ ही, उन्होंने देश में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति बढ़ते भेदभाव पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा हैं।
वाड्रा ने कहा, “मैं इस निर्मम हमले की पूरी तरह से निंदा करता हूं। किसी भी मुद्दे को उठाने का यह तरीका नहीं हो सकता कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाए। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, यह इंसानियत के खिलाफ अपराध है।”
उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में मुस्लिम समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह बढ़ा है, जिसका फायदा आतंकी संगठन उठा रहे हैं। “जब अल्पसंख्यकों को हाशिए पर रखा जाता है, तो उनमें असुरक्षा की भावना पैदा होती है। आतंकियों ने धार्मिक आईडी देखकर हमला किया, जो पूरी तरह गलत है। हमें धर्म और राजनीति को अलग रखना चाहिए।”
वाड्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की ताकत उसकी एकता में है। “जब तक हम सभी धर्मों के लोग एकजुट नहीं होंगे, तब तक हमारी कमजोरियों का फायदा दुश्मन उठाएंगे। आतंकवाद का मकसद समाज को बांटना है, और हमें इसका मजबूती से सामना करना होगा।”
उन्होंने कश्मीर में बेरोजगारी और पर्यटन उद्योग पर हमले के प्रभाव को लेकर भी चिंता व्यक्त की। “इस घटना के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या घटेगी, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। सरकार को प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल आर्थिक सहायता और रोजगार योजनाएं लानी चाहिए।”
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अंत में, उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे भेदभाव को गंभीरता से लिया जाए। “यदि हम समानता और न्याय की बात करते हैं, तो सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर भी धर्म के आधार पर विवाद पैदा करना देश के हित में नहीं है।”
रॉबर्ट वाड्रा के इन बयानों ने एक बार फिर सामाजिक सद्भाव और आतंकवाद के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है।