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गांधी को समर्पित देश का पहला बापू टावर: 42 हजार किलो तांबे से बना, 120 फीट ऊंचा, 6 मंजिला

पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन आज (2 अक्टूबर) गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। यह टावर महात्मा गांधी को समर्पित देश का पहला ऐसा टावर है, जिसे सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाता है। 7 एकड़ में फैला यह टावर 120 फीट ऊंचा और 6 मंजिलों वाला है, जिसमें एक भव्य ऑडिटोरियम भी शामिल है। इस परियोजना पर 129 करोड़ रुपए की लागत आई है और रात में इसे विशेष लाइटिंग से सोने की तरह चमकाया जाता है।

42 हजार किलो तांबे का इस्तेमाल

बापू टावर के गोलाकार भवन की बाहरी दीवारों पर 42 हजार किलोग्राम तांबे की परत लगाई गई है, जो ऑक्सीजन और नाइट्रोजन की प्रतिक्रिया से इंद्रधनुषी रंगों में परिवर्तित होती है। यह टावर की खूबसूरती को और भी आकर्षक बनाता है।

गांधीजी की जीवन यात्रा को समर्पित

यह टावर दो मुख्य हिस्सों में बंटा है – एक रेक्टेंगुलर और दूसरा गोलाकार भवन। रेक्टेंगुलर भवन में तीन प्रदर्शनी गैलरी, ऑडिटोरियम, अस्थाई प्रदर्शनी गैलरी, ऑफिस, वेटिंग रूम, म्यूजियम, शॉप और कैंटीन जैसी सुविधाएँ हैं। वहीं, गोलाकार भवन में 120 फीट ऊंचाई पर पाँच रैंप हैं, जिन पर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी जानकारियाँ म्यूरल, कट-आउट और स्क्रीन प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी।

सुविधाएँ और तकनीकी विशेषताएँ

बापू टावर के अंदर चार लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग आसानी से 6 मंजिलों तक पहुँच सकें। टावर की दीवारों पर महात्मा गांधी से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही, दिव्यांगों के लिए भी अलग से सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। ऑडियो-विज़ुअल माध्यम से दक्षिण अफ्रीका की ट्रेन घटना और चंपारण आंदोलन से जुड़ी बापू की यादों को भी टावर के अंदर प्रदर्शित किया गया है।

7 साल में तैयार हुआ बापू टावर

बापू टावर का निर्माण 2 अक्टूबर 2018 को शुरू हुआ था और इसे पूरा करने के कई लक्ष्यों के बाद, आखिरकार 2 अक्टूबर 2024 को उद्घाटन किया जा रहा है।

बापू टावर के निर्माण की पृष्ठभूमि

चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना में ‘बापू टावर’ की घोषणा की थी। 2 अक्टूबर 2018 को इस भवन का शिलान्यास किया गया था। यह टावर छात्रों, रिसर्चरों और गांधीजी के विचारों में रुचि रखने वालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा।

प्रवेश टिकट और पार्किंग सुविधा

बापू टावर में प्रवेश के लिए टिकट की व्यवस्था की गई है, जिसकी कीमत 50 से 100 रुपए के बीच हो सकती है। पार्किंग के लिए 10 से 20 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।

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