रानीचक के पुल पर मंडराया खतरा, चंद्रभागा नदी पर बना पुल कभी भी टूट सकता है
समस्तीपुर और बेगूसराय जिले के सीमा पर स्थित रानीचक में मृत चंद्रभागा नदी पर बना सड़क पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसका कारण है कि लंबे समय से मरम्मत के अभाव में पुल की स्थिति अत्यधिक जर्जर हो चुकी है। 60 साल पहले बने इस पुल की अब तक मरम्मत नहीं हुई है, जबकि एप्रोच पथ का निर्माण तीन बार हो चुका है। परिणामस्वरूप, पुल का सतह नीचे हो गया है, जबकि एप्रोच पथ की ऊंचाई अधिक है।
इस जर्जर पुल से लोग पैदल और दोपहिया वाहनों के सहारे तो यात्रा कर लेते हैं, लेकिन चारपहिया वाहनों के लिए यह पुल बहुत खतरनाक हो गया है। इसके बावजूद, कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण क्षेत्र के लोग इस पुल से ही सफर करने को मजबूर हैं। बताया जाता है कि समस्तीपुर और बेगूसराय जिले के लोग इस पुल से होकर एक जिले से दूसरे जिले में जाते हैं। यह पुल समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड के सकरपुरा गांव और बेगूसराय जिले के गढ़पुरा प्रखंड क्षेत्र के रानीचक गांव के सीमा पर मृत चंद्रभागा नदी पर बना हुआ है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस पुल का पुनर्निर्माण नहीं किया गया, तो एक दिन इस जर्जर पुल पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
सीमा पर बने होने के कारण पुल के पुनर्निर्माण में आ रही है बाधा। लोगों का मानना है कि इस पुल का निर्माण समस्तीपुर और बेगूसराय जिले के सीमा क्षेत्र में हुआ है। जब तक दोनों जिलों के संबंधित विभागीय पदाधिकारी पहल नहीं करेंगे, तब तक पुल का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण संभव नहीं है।
दोनों जिलों के लोगों के आवागमन का मुख्य माध्यम यह पुल है। मृत चंद्रभागा नदी पर बना यह सड़क पुल समस्तीपुर जिले के सकरपुरा, डुमरा, रामपुर और बेगूसराय जिले के रानीचक, सिमराहा, दूधौना, मालीपुर सहित आस-पास के गांवों के लोगों के लिए आवागमन का मुख्य साधन है। यह पुल मुख्य रूप से समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड और बेगूसराय जिले के गढ़पुरा प्रखंड को जोड़ने का कार्य करता है।