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दक्षिण भारत में चक्रवात ‘फेंगल’ का खतरा, बिहार में भी मौसम में बदलाव की संभावना

दक्षिण भारत में चक्रवात ‘फेंगल’ की आशंका, बिहार में भी बदलेगा मौसम का मिजाज

नवंबर का महीना खत्म होने को है, लेकिन बिहार के कई जिलों में अभी भी रात का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। दक्षिणी बिहार में जहां दिनभर धुंध का असर है, वहीं उत्तरी हिस्सों में घना कुहासा देखा जा रहा है। लेकिन अब मौसम में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। बंगाल की खाड़ी में उभर रहे चक्रवातीय तूफान ‘फेंगल’ का असर बिहार के मौसम पर भी पड़ सकता है।

चक्रवातीय तूफान का प्रभाव

पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एसके पटेल के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम हिस्से में गहरे दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जो उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इस दबाव क्षेत्र के चक्रवातीय तूफान का रूप लेने की संभावना है। भले ही यह चक्रवात में न बदले, लेकिन यह मौसम पर प्रभाव डालने वाला सिस्टम बन चुका है। इसका असर दक्षिण भारत के कई हिस्सों के साथ बिहार तक महसूस किया जा सकता है। इस मौसमी बदलाव के चलते रात में ओस कम होगी और दिन में धूप भी कम नजर आएगी।

बिहार के मौसम पर असर

उत्तर पश्चिम से चल रही हवाओं में बाधा आने की संभावना है, जिससे आसमान में बादलों का डेरा रहेगा। यह स्थिति रबी की फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

आज यानी 28 नवंबर को बिहार के उत्तर हिस्से में सुबह हल्का से मध्यम कुहासा रहेगा, जबकि दक्षिणी हिस्से में धुंध का असर रहेगा। शाम के समय धीमी पछुआ हवा के चलते ठंडक महसूस होगी। अधिकतम तापमान दक्षिण बिहार में 24°C से 26°C और उत्तरी हिस्सों में 26°C से 28°C के बीच रहेगा। न्यूनतम तापमान 12°C से 16°C के बीच रह सकता है।

प्रमुख शहरों का तापमान

27 नवंबर को बिहार में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28.7°C अररिया और जीरादेई में दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 11.5°C डेहरी में रहा। पटना का न्यूनतम तापमान 17°C दर्ज हुआ। गया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद और अन्य जिलों में भी न्यूनतम तापमान 12°C से 17°C के बीच रहा।

वायु गुणवत्ता में गिरावट

राज्य में बढ़ते प्रदूषण की समस्या गंभीर हो रही है। 27 नवंबर को हाजीपुर का AQI 347, समस्तीपुर का 309 और भागलपुर का 329 रहा। ये जिले रेड जोन में शामिल हो गए हैं। पटना, मुजफ्फरपुर, सहरसा और अन्य जिलों की हवा भी खराब श्रेणी में दर्ज की गई।

बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में सतर्क रहना और आवश्यक सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।

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