दिसंबर का महीना खत्म होने को है, लेकिन बिहार में अब तक कड़ाके की ठंड या शीतलहर का अनुभव नहीं हुआ है। सोमवार की सुबह राज्य के कुछ इलाकों में हल्का कोहरा देखने को मिला, जिससे लोगों को हल्की ठंड का एहसास हुआ।
बिहार में ठंड मुख्य रूप से उत्तर भारत में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है। इस साल अभी तक कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है, जिसके कारण सूबे में कड़ाके की ठंड नहीं पड़ रही। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पहाड़ों में बर्फबारी होती है, और उसके बाद पछुआ हवाएं ठंड लेकर आती हैं। साथ ही, ला-नीना के प्रभाव से भी ठंड बढ़ती है, लेकिन बिहार में इस साल इसका असर अभी तक नजर नहीं आया है।
इसके अलावा, उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं का अभाव भी ठंड न पड़ने का एक बड़ा कारण है। बंगाल की खाड़ी में बने एक सिस्टम के चलते राज्य में पुरवा हवाओं का प्रवाह जारी है, जो आमतौर पर दिसंबर में नहीं होता। यही कारण है कि इस साल बिहार का तापमान सामान्य से अधिक है और ठंड के तेवर नरम बने हुए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को राज्य के अधिकांश शहरों में तापमान में बढ़ोतरी देखी गई। डेहरी और पूसा 8.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडे शहर रहे। पटना में अधिकतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, लेकिन कड़ाके की ठंड का असर अब भी दूर है।