समस्तीपुर के वारिसनगर प्रखंड के हांसा पंचायत के वार्ड संख्या-15 में नल जल का प्रवाह पिछले एक महीने से पूरी तरह बंद पड़ा है। यहाँ के नल में पानी की कोई बूंद भी नहीं आ रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। करीब 2000 की जनसंख्या इससे प्रभावित हो रही है।
वार्ड के निवासी पड़ोसी सतमलपुर पंचायत से पानी लाकर अपनी दैनिक आवश्यकताएँ पूरी कर रहे हैं, जिससे उनकी दिनचर्या भी बाधित हो रही है। जानकारी के अनुसार, नल जल के मोटर का स्विच मात्र खराब हुआ है, फिर भी इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने इस समस्या की शिकायत स्थानीय बीडीओ और पीएचईडी विभाग से की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस वार्ड की आबादी लगभग 2000 है। कुछ लोगों के पास अपना पंप सेट और मोटर है, लेकिन अधिकांश लोग नल जल के माध्यम से ही पानी की आपूर्ति प्राप्त करते हैं, जिसका उपयोग वे पीने और अन्य कार्यों के लिए करते हैं। एक महीने पहले नल जल के मोटर का स्विच जल गया था, और ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्थानीय वार्ड आयुक्त को की थी।
शिकायत के बावजूद, वार्ड आयुक्त ने इसे सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। हालांकि, नल जल की राशि का वसूली वार्ड आयुक्त ही करते हैं। स्थानीय लोग नहाने आदि के लिए बूढ़ी गंडक नदी का सहारा लेने को मजबूर हैं।
समाधान के अभाव में, समाजसेवी जितेंद्र कुमार सिंह उर्फ बॉबी ने चेतावनी दी है कि अगर दो दिनों के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे मुख्य सड़क को जाम कर देंगे। इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
ग्रामीणों की समस्याओं से बीडीओ को पहले ही अवगत कराया गया था। कई समाजसेवी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस मामले की जानकारी दी है। बीडीओ ने पीएचडी विभाग को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और दो दिनों के भीतर समस्या का समाधान करने की बात कही गई है।
पंप संचालक का कहना है कि वह नल जल योजना के आरंभ से ही पंप का संचालन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। वार्ड आयुक्त एंजेल योजना की राशि खुद ही वसूल कर लेते हैं। लंबे समय से नल जल की खराब स्थिति के कारण पंप संचालक अपनी राशि लगाकर मरम्मत करते आ रहे हैं, लेकिन अब उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी है।
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