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सिक्किम में भूकंप, बिहार में भी महसूस हुए झटके; जानिए रिक्टर स्केल पर तीव्रता कितनी थी

बिहार के किशनगंज में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। सुबह लगभग 7 बजे धरती 4.5 की तीव्रता से कुछ सेकेंड के लिए कांपी, जिसके बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र सिक्किम में स्थित था। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, सिक्किम के सोरेंग में सुबह 06:57 बजे रिक्टर स्केल पर 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप के कारण किसी के घायल होने या नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।

भूकंप आने का कारण

धरती की सतह पर 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार गतिशील रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकरा जाती हैं। टकराव से इन प्लेट्स के किनारे मुड़ जाते हैं और अधिक दबाव के कारण ये टूटने लगती हैं। इससे नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहरी दिशा में निकलने का रास्ता खोजती है, जिससे भूकंप आता है।

भूकंप के दौरान क्या करें

भूकंप या किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान घबराना स्वाभाविक है, लेकिन सूझ-बूझ से आप सही तरीके से स्थिति से निपट सकते हैं। अगर आप किसी भवन में हैं, तो तुरंत बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। खुले मैदान में रहना भूकंप के दौरान सबसे सुरक्षित होता है।

किशनगंज और सिस्मिक जोन-5

किशनगंज, जो नेपाल सीमा से सटा है, भूकंप के सबसे खतरनाक सिस्मिक जोन-5 में आता है। इस क्षेत्र में भूकंप आने और उसके बाद होने वाले नुकसान की संभावना अधिक होती है। सिस्मिक जोन-5 में रिक्टर स्केल पर 8 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं।

सिस्मिक जोन-5 का महत्व

भूकंप के संभावित क्षेत्रों को सिस्मिक जोन में बांटा गया है। पूरे देश को पांच सिस्मिक जोन में विभाजित किया गया है, जहां सिस्मिक जोन-5 सबसे खतरनाक माना जाता है। इस जोन में सबसे अधिक भूकंप आते हैं क्योंकि यहां टेक्टोनिक प्लेटों में अधिक हलचल होती है।

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