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शुभ मुहूर्त की समाप्ति: चार महीने तक शहनाई की गूंज थमेगी

शुभ मुहूर्त की समाप्ति

आज से चार महीने के लिए शहनाई की गूंज थम जाएगी। कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं होंगे। बनारसी पंचांग के अनुसार इस महीने 7 शुभ मुहूर्त और मिथिला पंचांग के मुताबिक 3 मुहूर्त थे। अब हरिशयन एकादशी से लेकर देवोत्थान एकादशी तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चातुर्मास के बाद ही शहनाई की गूंज फिर से सुनाई देगी।

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सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग में हरिशयन एकादशी का महत्त्व

आचार्य राकेश झा ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी 17 जून बुधवार को अनुराधा नक्षत्र एवं शुभ योग में मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन विधि-विधान से भगवान नारायण की पूजा कर उन्हें चार महीने के लिए शयन कराया जाएगा। फिर कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर मंगलवार को श्रीहरि जागेंगे।

योगनिद्रा में भगवान विष्णु

ज्योतिषी झा ने पुराणों के हवाले से कहा कि योगनिद्रा की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने उसे चार महीने के लिए अपने नेत्रों में स्थान दिया। तब से चार मास के लिए श्री विष्णु शयन के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। इन चार महीने में ब्रह्मचर्य का पालन, व्यसन का त्याग, मौन, जाप, ध्यान, दान-पुण्य, स्नान-व्रत आदि विशेष फलदायी होते हैं।

चातुर्मास में व्रत-त्योहार की भरमार

चातुर्मास के दौरान हिन्दुओं के सभी प्रमुख व्रत-त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाए जाएंगे। इसमें सावन महीने में सोमवारी, हरियाली तीज, मधुश्रावणी, नागपंचमी, पुत्रदा एकादशी, रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं भाद्रपद मास में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, राधाष्टमी, अनंत चतुर्दशी का पर्व होगा। फिर आश्विन मास में पितृपक्ष, जिउतिया व्रत, दुर्गा पूजा, कोजगरा, शरद पूर्णिमा का पर्व तो कार्तिक मास में धनतेरस, दीपावली, छठ महापर्व, अक्षय नवमी, देवोत्थान एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा का पर्व होगा।

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