मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 सितंबर को राज्य में प्रस्तावित और निर्माणाधीन चार एक्सप्रेसवे की प्रगति को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। यह बैठक ‘संकल्प’ में आयोजित की गई, जहां मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन के जरिए विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने अधिकारियों को समय पर भूमि अधिग्रहण पूरा करने के निर्देश दिए ताकि परियोजनाओं में देरी न हो। इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया, पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड और आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इन एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम समय पर और बिना किसी बाधा के पूरा किया जाए, जिससे जनता को असुविधा न हो। इस बैठक में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बिहार में 1063 किमी लंबाई वाले चार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की कुल लागत 84,734 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के तहत बिहार के कई जिलों को जोड़ा जाएगा, जिससे आवागमन तेज और सुगम होगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे पश्चिमी चंपारण से किशनगंज तक 600 किमी लंबा होगा, जबकि रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे 702 किमी लंबा होगा, जिसमें बिहार के 367 किमी शामिल होंगे। पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई 250 किमी होगी और यह राज्य के प्रमुख जिलों से गुजरेगा। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे से बोधगया और राजगीर की कनेक्टिविटी के लिए 4 लेन का निर्माण होगा।