बिहार में छठ पर्व हमेशा से हर्ष और उल्लास का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार छठी मइया की पूजा के पहले दिन शारदा सिन्हा(sharda sinha) के निधन की खबर ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया। लोकगीतों की पहचान, खासकर छठ गीतों के पर्याय रहीं पद्म विभूषण शारदा सिन्हा के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई प्रमुख नेताओं की चिंता और प्रार्थनाएं जुड़ी रहीं। प्रधानमंत्री मोदी लगातार एम्स के डॉक्टरों से संपर्क में थे, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह स्वयं दिल्ली एम्स में उनके परिजनों से मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे थे।
अफसोस कि छठ के शुभ अवसर पर ही शारदा सिन्हा का निधन हो गया, जिससे बिहार सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा का योगदान संगीत और लोककला के क्षेत्र में अतुलनीय रहा है। बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका और हिंदी में अपनी सुरीली आवाज से छठ महापर्व को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई थी। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपना योगदान दिया और पद्मश्री एवं पद्मभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हुईं।
बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं।
विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏 pic.twitter.com/t8f3v0Xej6— Aashish Aryan(अशीष आर्यन) (@ashisharyan0) November 5, 2024
मुख्यमंत्री ने उनके निधन को संगीत जगत और बिहार की सांस्कृतिक धरोहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया। इस दुखद खबर के बाद सोशल मीडिया पर हर वर्ग की ओर से शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। भाजपा नेता आरके सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, मनोज तिवारी, और कांग्रेस नेता सूरज सिन्हा सहित कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए उनके योगदान को सराहा। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गाए छठ गीतों ने इस महापर्व को एक नई पहचान दी, और उनका जाना पूरे देश के लिए एक सांस्कृतिक क्षति है।