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शिक्षक की मौ’त से जागी सरकार: अब सरकारी नावों में लाइफ जैकेट की अनिवार्यता!

पटना के दानापुर थाना क्षेत्र में फक्कड़ महतो घाट पर शुक्रवार की सुबह एक दुखद घटना घटी, जब 25 वर्षीय BPSC शिक्षक अविनाश कुमार, जो अन्य शिक्षकों के साथ स्कूल जा रहे थे, दो नावों की टक्कर के बाद गंगा नदी में गिर गए और तेज बहाव में बह गए। यह हादसा सुबह 8 बजे हुआ। दिनभर एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों ने उनकी खोजबीन की, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस घटना से नाव के जरिए नदी पार कर स्कूल जाने वाले शिक्षकगण डरे हुए हैं।

इस हादसे के बाद सरकारी तंत्र सक्रिय हुआ और शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने पटना सहित सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा। इसमें बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थित स्कूलों में शिक्षकों के आवागमन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। पत्र में कहा गया है कि राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आने-जाने के लिए नदी पार करने में नाव का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन नाव के समय पर उपलब्ध नहीं होने से उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

 

इस समस्या के समाधान के लिए निर्देश दिए गए हैं कि जिन घाटों से शिक्षक, कर्मचारी और बच्चे नदी पार कर स्कूल जाते हैं, वहां सरकारी नाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, नावों पर पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट्स उपलब्ध कराए जाएं ताकि प्रत्येक व्यक्ति इनका अनिवार्य रूप से प्रयोग कर सके। इसके अलावा, गोताखोरों की व्यवस्था भी की जाए। लाइफ जैकेट्स की खरीदारी जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी।

 

विद्यालय के आने-जाने के लिए नाव के प्रस्थान का समय भी निर्धारित किया जाएगा, ताकि शिक्षक, कर्मचारी और बच्चे समय पर स्कूल पहुँच सकें और सुरक्षित घर लौट सकें। इस पर होने वाले खर्च का वहन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा, यदि इसे आपदा प्रबंधन के माध्यम से वहन नहीं किया जा सका। आवश्यकता अनुसार, इसके लिए आवंटन की मांग भी की जाएगी। यह व्यवस्था मुख्यतः अगस्त और सितम्बर के महीनों के लिए लागू होगी। अगर किन्हीं कारणों से शिक्षक या कर्मचारी निर्धारित समय पर स्कूल नहीं पहुँच पाते हैं, तो एक घंटे तक की देरी को स्वीकार्य माना जाएगा।

यह निर्देश दिया गया है कि इन आदेशों का सम्यक पालन सुनिश्चित किया जाए। उल्लेखनीय है कि घटना के समय अविनाश ने पहले अपनी बाइक नाव पर चढ़ाई और फिर खुद नाव पर चढ़ने लगे, तभी पीछे से आ रही दूसरी नाव ने टक्कर मार दी, जिससे वह गंगा नदी में गिर गए। उन्हें तैरना नहीं आता था, जिसके कारण वह तेज बहाव में बह गए। अब तक उनकी कोई खबर नहीं मिल पाई है, हालांकि एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों ने दिनभर उन्हें ढूंढने की कोशिश की।

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