सहरसा/मुजफ्फरपुर। बिहार के सहरसा से नई दिल्ली जा रही वैशाली सुपरफास्ट ट्रेन में गुरुवार को एक दर्दनाक मामला सामने आया। मात्र एक साल के मासूम युवराज की नाक से खून आने के बाद ट्रेन में ही दम तोड़ देने की घटना ने यात्रियों को स्तब्ध कर दिया। बच्चे की मां रीता देवी (अहिल्या देवी) उसे दिल्ली में इलाज कराने ले जा रही थीं, लेकिन सफर के दौरान ही उनकी दुनिया उजड़ गई।
घटना की जानकारी मिलने पर मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रेलवे डॉक्टर शालीग्राम चौधारी ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मां रीता ने अपने बेटे के शव को गोद में लेकर सहरसा वापस लौटने का दर्दनाक सफर तय किया। वह बस से करीब 158 किलोमीटर का सफर तय करके अपने घर पहुंची।
क्या हुआ था पूरा मामला?
- रीता देवी मूल रूप से मधुबनी जिले के जयनगर थाना अंतर्गत सेली वेली गांव की निवासी हैं।
- वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ सहरसा स्टेशन के पास किराए के मकान में रहती हैं।
- उनके पति विष्णुदेव महतो (विष्णु कुमार) मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं।
- बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर रीता ने उसे दिल्ली ले जाने का फैसला किया और सहरसा से वैशाली एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में सवार हुईं।
- समस्तीपुर के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और मुजफ्फरपुर पहुंचने तक उसने दम तोड़ दिया।
- रेलवे प्रशासन ने मामले की जानकारी मिलते ही डॉक्टर को बुलाया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
मां का दर्द
रीता ने बताया कि उनका बेटा पहले से ही बीमार था और वह उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जा रही थीं। लेकिन दुर्भाग्य से बीच रास्ते में ही उनका बच्चा चल बसा। मुजफ्फरपुर स्टेशन पर जब डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित किया, तो वह सदमे में आ गईं। इसके बाद उन्होंने बस से सहरसा का सफर तय किया, जहां उनके परिवार वाले रहते हैं।
यह घटना एक बार फिर से गरीबों की दयनीय स्वास्थ्य सुविधाओं और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की कमी को उजागर करती है। अगर समय पर बच्चे को उचित इलाज मिल पाता, तो शायद यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।