समस्तीपुर कलेक्ट्रेट परिसर के विकास भवन के ऊपरी तल पर मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत संचालित पालना घर का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष खुशबू कुमारी ने किया। इस अवसर पर पालना घर में उपस्थित बच्चों को बिस्किट, टॉफी और अन्य उपहार दिए गए। खुशबू कुमारी ने कहा कि इस पालना घर से महिलाएं ड्यूटी के दौरान बच्चों की चिंता से मुक्त रहेंगी। कलेक्ट्रेट परिसर और आसपास काम करने वाले महिला और पुरुष कर्मियों के बच्चों के लिए छह माह से लेकर पांच वर्ष तक की आयु तक के बच्चों को रखने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है
पालना घर एक ऐसी सुविधा है जहां कामकाजी महिला और पुरुष अपने पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को अपने कार्य के दौरान छोड़ सकते हैं। यहां बच्चों के समग्र विकास के लिए उचित वातावरण उपलब्ध होता है। उद्घाटन के मौके पर आईसीडीएस के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। पालना घर में छह महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों को रखने की व्यवस्था है, जिसमें एक क्रेच वर्कर और एक क्रेच हेल्पर बच्चों की देखरेख के लिए मौजूद रहते हैं।
बच्चों को खाना या दूध देने की सुविधा के लिए इंडक्शन और केटल भी उपलब्ध हैं। पालना घर सुबह 9:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है। छह महीने से एक साल तक के बच्चों के लिए क्रेच की व्यवस्था है, जबकि इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए छोटे-छोटे बेड भी दिए गए हैं। एक समय में कुल 10 बच्चों को रखा जा सकता है। पालना घर की दीवारों पर नंबर, अल्फाबेट और स्वर-व्यंजन अंकित हैं, और बच्चों के खेलने के लिए खिलौने भी उपलब्ध हैं।