भारत-पाकिस्तान युद्धविराम: अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से मिली शांति
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम: अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से मिली शांति
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम (सीजफायर) स्वीकार कर लिया है। इस युद्धविराम की घोषणा जमीन, आकाश और समुद्र में शाम 5 बजे से प्रभावी हुई है। भारतीय सेना के प्रवक्ता विक्रम मिसरी ने पुष्टि की कि दोनों पक्ष इस संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं और 12 मई को दोपहर 12 बजे डीजीएमओ (Directorate General of Military Operations) स्तर पर बातचीत होगी।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 10, 2025
अमेरिका की मध्यस्थता: शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका
इस युद्धविराम में अमेरिका ने महत्वपूर्ण मध्यस्थता की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम 5:30 बजे ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए कहा, “रातभर अमेरिका की मध्यस्थता में चली लंबी वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने तुरंत और पूरी तरह से युद्धविराम स्वीकार कर लिया है। मैं दोनों देशों को इस समझदारी भरे निर्णय के लिए बधाई देता हूं।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 48 घंटों से अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और वह स्वयं भारत-पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिम मुनीर और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ निरंतर संपर्क में थे।
रूबियो ने कहा, “मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत हो गई हैं। दोनों देश अब एक निष्पक्ष मंच पर विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए बातचीत को तैयार हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी और शहबाज शरीफ की सराहना करते हैं कि उन्होंने बुद्धिमत्ता से शांति का मार्ग चुना।”
बिहार के कलाकार मधुरेंद्र ने पीपल के पत्ते पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अनूठी श्रद्धांजलि
भारत-पाकिस्तान तनाव की पृष्ठभूमि
इससे पहले, भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। भारत ने आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी थी। इस स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने हस्तक्षेप किया और अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को बढ़ावा दिया।

शांति प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अन्य वैश्विक संगठनों ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चीन ने भी इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान केवल वार्ता के माध्यम से ही संभव है।
भारत और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कहा कि वह शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने युद्धविराम स्वीकार किया है, लेकिन पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी भूमि का उपयोग आतंकवादियों के खिलाफ नहीं होगा।”
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनका देश शांति चाहता है और वह कश्मीर मुद्दे सहित सभी विवादों का समाधान वार्ता के माध्यम से करने के लिए तैयार है।
यह युद्धविराम न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता ने एक बार फिर साबित किया कि कूटनीतिक प्रयासों से बड़े संघर्षों को टाला जा सकता है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में भारत-पाकिस्तान संबंधों में क्या नया मोड़ आता है और क्या दोनों देश स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ पाते हैं।