JDU और BJP के बराबर सीटों पर लड़ेगी चुनाव: उमेश कुशवाहा ने कहा- न हम छोटे थे, न होंगे, जानें JDU का मिशन 2025
2025 के विधानसभा चुनाव में जदयू और बीजेपी बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जदयू ने इसको लेकर अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपने बेहतर प्रदर्शन के आधार पर यह दावा करना शुरू किया है। सोमवार को पटना में जदयू की सांगठनिक बैठक हुई, जिसमें कार्यकर्ताओं को तैयारी के निर्देश दिए गए।
जब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव में जदयू कम सीटों पर समझौता करेगी, तो उन्होंने साफ कहा कि जदयू कभी भी गठबंधन में “छोटा भाई” नहीं रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जदयू और बीजेपी ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें जदयू सिर्फ एक सीट पर हार गई थी।
कुशवाहा ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने केवल एक सीट कम पर सहमति इसलिए दी थी क्योंकि जीतन राम मांझी और चिराग पासवान भी गठबंधन का हिस्सा थे। इसके बावजूद जदयू का प्रदर्शन शानदार रहा, और इस पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। हालांकि, बीजेपी की ओर से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्व का मामला है, इसलिए इस पर बोलना उचित नहीं है।
जदयू ने 2025 में एनडीए को 225 सीटें जीताने का लक्ष्य रखा है। चिराग पासवान की पार्टी द्वारा 50 सीटों की मांग पर कुशवाहा ने कहा कि एनडीए में इस तरह के मामलों के लिए एक मंच है और सभी मसलों को आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।
उमेश कुशवाहा ने यह भी कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का चेहरा ही सबसे बड़ा है, और इस वजह से जदयू विधानसभा में भी बीजेपी के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, भले ही वह पिछले चुनाव में तीसरे नंबर (44 सीटों) पर रही हो।
लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए जदयू मान रही है कि वह विधानसभा चुनाव में भी मजबूत दावेदार है। 243 विधानसभा सीटों में जदयू ने 74, बीजेपी ने 68, एलजेपी (रा.) ने 29 और हम ने 6 सीटों पर बढ़त हासिल की थी, जिससे एनडीए 177 सीटों पर लीड कर रही थी।
इतिहास की बात करें तो जदयू ने 2005 से कभी भी बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा है। 2005 में जदयू 139 सीटों पर और 2010 में 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। हालांकि, 2015 में महागठबंधन के तहत जदयू और राजद ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 2020 में जदयू 115 सीटों पर चुनाव लड़कर 43 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि बीजेपी 110 सीटों पर लड़कर 74 सीटें जीतने में सफल रही थी।