समस्तीपुर में 240 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण, डीएम ने किया उद्घाटन
समस्तीपुर: फाइलेरिया संक्रमण से बचाव के लिए मरीजों को शर्म और संकोच छोड़कर आगे आना होगा। फाइलेरिया पीड़ितों के साथ-साथ प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यह बातें जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने गुरुवार को टाउन हॉल में आयोजित एमएमडीपी किट वितरण समारोह के दौरान कहीं। इस कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ, लेप्रा और अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा किया गया, जिसमें जिलाधिकारी ने फाइलेरिया मरीजों के साथ संवेदनशीलता से बातचीत की।
उन्होंने मरीजों से अपील की कि वे फाइलेरिया के बारे में अपने ज्ञान को साझा करें और इस बीमारी से अनभिज्ञ लोगों को जागरूक करें। जो लोग अभी तक इस बीमारी से प्रभावित नहीं हैं, उन्हें भी इसके बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए और दूसरों को भी इसके प्रति सचेत करना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि साल में एक बार होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान में अवश्य भाग लें। साल में एक बार आठ गोलियां लेने से फाइलेरिया जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।
जिलाधिकारी ने जागरूकता फैलाने वाली संस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया कि वे स्थानीय भाषा में ही बीमारी और उसके बचाव के तरीकों को समझाएं, ताकि लोग आसानी से इसे समझ सकें। डब्ल्यूएचओ के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय ने भी फाइलेरिया मरीजों से संवाद करते हुए कहा कि इस बीमारी के बारे में सही जानकारी पहुंचाने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोगों को भी वर्ष में एक बार दवा दी जाती है ताकि संक्रमण को रोका जा सके। डॉ. राजेश ने बताया कि पीएचसी स्तर पर एमएमडीपी क्लिनिक खोलने की योजना है, जिससे फाइलेरिया पीड़ितों का प्रबंधन स्थानीय स्तर पर किया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान लगभग 240 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। लेप्रा के कार्यक्रम प्रबंधक अमर सिंह ने एक फाइलेरिया मरीज अवधेश को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम किट के सही उपयोग की विधि सिखाई। उन्होंने बताया कि स्वच्छता, त्वचा की देखभाल, नियमित व्यायाम और विशेष फुटवियर का उपयोग करके फाइलेरिया रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है और इसके कारण होने वाले एक्यूट अटैक को सामान्य किया जा सकता है, जिससे मरीजों की दिनचर्या में आसानी होगी।