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शिक्षा का मजाक: बिहार में टेंट और पेड़ के नीचे स्नातक परीक्षा

बिहार के छपरा का जेपी विश्वविद्यालय अक्सर अपने अजीबोगरीब कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है। इस विश्वविद्यालय में कभी सत्र लेट होता है तो कभी परीक्षा लेने में देरी होती है। अगर समय पर परीक्षा का आयोजन हो भी जाए तो छात्रों को समय पर परिणाम नहीं दिया जाता है। अब एक बार फिर जेपी विश्वविद्यालय अपने कारनामों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है।

दरअसल, शनिवार को छपरा के प्रभुनाथ महाविद्यालय परसा परीक्षा केंद्र में स्नातक सीबीसीएस सत्र 2023-27 के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का आयोजन किया गया था। लेकिन परीक्षा का आयोजन ऐसा किया गया था जिसे देखकर लग रहा था कि वहां सामूहिक भोज चल रही हो। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स (एमडीसी) की परीक्षा में प्रभुनाथ महाविद्यालय परसा परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों की चिलचिलाती धूप में टेंट के नीचे एवं पेड़ के नीचे कुर्सी-टेबल लगाकर भोज की तरह परीक्षा ली गई। इसके अलावा बरामदे, सीढ़ी के नीचे, जिसे जहां जगह मिली वहां जैसे-तैसे बैठकर परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।

परीक्षा के दौरान गर्मी होने पर कई परीक्षार्थियों ने अपनी शर्ट भी उतार दी। इस दौरान परीक्षा में जमकर नकल भी हुआ। विश्वविद्यालय के सभी परीक्षा केंद्रों पर क्षमता से अधिक परीक्षार्थी महाविद्यालयों में एक बेंच पर पांच और छह परीक्षार्थियों एवं बरामदे में बैठाकर किसी तरह परीक्षा दी गई। अब इस मामले में सियासत भी गरमा गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी और छपरा से लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी रही रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर इस मामले में बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पर परीक्षा देते हुए छात्रों की तस्वीरें शेयर कर बिहार सरकार पर सवाल उठाया है।

रोहिणी आचार्य ने कहा, “छपरा के जेपी विश्वविद्यालय के साथ-साथ बिहार के तमाम विश्वविद्यालय बदइंतजामी, कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार के शिकार हैं। कुलपतियों और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर निरंतर भ्रष्टाचार के बड़े मामले तय होते हैं। निपुण शिक्षकों की कमी है, अकादमिक कैलेंडर का अनुपालन बस बयानों और कागजों तक ही सीमित है, शैक्षणिक सत्र विलंब से चल रहे हैं, कदाचार मुक्त परीक्षाएं कराने में विश्वविद्यालय प्रशासन असमर्थ है। छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए जरूरी सुविधाओं और समुचित संरचनाओं का अभाव है।”

उन्होंने कहा, “उपलब्ध संरचनाओं का उचित रखरखाव नहीं होता है, कोर्स के हिसाब से पुस्तकालयों में पठन सामग्री की उपलब्धता नहीं होती है। ऐसी अनेक समस्याएं हैं, जिनसे हर कोई वाकिफ है, गाहे-बगाहे जिनकी चर्चा भी होती है और सुधार की बातों के साथ समीक्षा बैठकें भी होती हैं, मगर अफ़सोस की बात है कि सुधार की दिशा में कोई गंभीर पहल कभी नहीं होती और जेपी विश्वविद्यालय के इन्हीं छात्रों की तरह अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को भी खुले में बैठकर परीक्षा देने के लिए विवश होना पड़ता है।”

वहीं प्रभुनाथ कॉलेज परसा में यदुनंदन महाविद्यालय दिघवारा एवं एचआर कॉलेज अमनौर के परीक्षार्थियों की परीक्षा चल रही है। इंटरनेट मीडिया पर जेपी विश्वविद्यालय की परीक्षा की तस्वीर प्रसारित होने से विश्वविद्यालय की खूब किरकिरी हो रही है।

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