बिहार में मॉनसून की बारिश से सीतामढ़ी में मची अफरातफरी!
सीतामढ़ी: नेपाल में लगातार और तेज बारिश होने से सीतामढ़ी जिले में बहने वाली सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। कुछ नदियां विभिन्न स्थानों पर पूरे उफान पर हैं, तो कुछ गांव बाढ़ से प्रभावित भी हो गए हैं। सड़कों पर नदी का पानी होने से आवागमन में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, सोनबरसा प्रखंड से गुजरने वाली बांके नदी भी उफान पर है। इस नदी के तेज कटाव से आधा दर्जन घरों पर खतरा मंडराने लगा है। यह माना जा रहा है कि चंद दिन/घंटों के अंदर आधा दर्जन घरों को नदी अपनी आगोश में ले लेगा।
कटाव से वीरता गांव प्रभावित
बांके नदी के किनारे सोनबरसा प्रखंड की पुरन्दाहा राजवाड़ा पूर्वी पंचायत का वीरता बाजार है। नदी के कटाव से यहां के आधा दर्जनों परिवारों का चैन छिन गया है। नदी के कटाव की रफ्तार धीरे-धीरे तेज होती जा रही है, जिसके कारण कई घर इसकी जद में आ चुके हैं। दो से तीन से घर कटाव से क्षतिग्रस्त भी हो गए हैं। इन घरों के लोग दिन रात जागकर समय गुजार रहे हैं और अपनी नम आंखों से नदी का तांडव यानी कटाव देख रहे है।
दिनरात भय के साए में ये परिवार
पिछले कुछ समय से लगातार वीरता गांव और इसके आसपास के इलाके में हो रहे कटाव से ग्रामीण काफी परेशान है। उन्हें इसका पूरा आभास हो चुका है कि नदी उनके आशियाने को निगलने को आतुर है। पंचायत के वार्ड नंबर- 07 के उपेंद्र साह, दशई सहनी, नीरस पासवान के पुत्र प्रगास पासवान, संजय सहनी, विजय सहनी और महेंद्र पासवान ने बताया कि पानी का कटाव इतना तेज है कि वे सब भय के साए में जी रहे हैं। बीते सप्ताह से कटाव जारी है। जिस वजह से वे सब परिवार के साथ अपने घरों को छोड़ कर अन्य जगहों पर जाने को विवश हो रहे हैं।
सही से उपाय नहीं करने का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक सप्ताह से लोग कटाव का दंश झेल रहे हैं। इस बीच सड़क के कटाव को सामान्य समझ प्रशासन ने मिट्टी और ईंट पत्थर से भर कर आवागमन सुचारू कर दिया। अगर पहले ही सुरक्षात्मक तरीके से कटाव निरोधी उपाय किया गया होता, तो ग्रामीणों को यह दिन देखना नहीं पड़ता। प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। इस वजह से ग्रामीण काफी परेशान हैं। लोगों को अपने घरों के सामानों के साथ पशुओं को सुरक्षित रखने की चिंता सताए जा रही है।