ओवैसी पर सवाल और ‘कुत्ते’ की तुलना: बिहार के राज्यपाल ने वक्फ कानून को लेकर क्या संदेश दिया?
वक्फ कानून इन दिनों देश की सियासी और कानूनी बहसों के केंद्र में है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जबकि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस कानून का खुलकर समर्थन किया है। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि अगर वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए नहीं हो रहा है, तो फिर इसका मूल उद्देश्य ही क्या रह गया?
“वक्फ की जमीन पर मॉल-फ्लैट, लेकिन स्कूल-अस्पताल क्यों नहीं?”
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सीधे सवाल किया – *”क्या वक्फ की जमीन पर पटना में कोई अस्पताल, अनाथालय या चैरिटी संस्थान चल रहा है? नहीं, बल्कि आपको वहां बड़े-बड़े मॉल, कॉमर्शियल बिल्डिंग्स और लक्ज़री फ्लैट्स मिलेंगे। वक्फ का मकसद तो गरीबों की सेवा करना था, लेकिन आज इस संपत्ति का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा। अगर ऐसा होता, तो क्या गरीबों को स्कूलों में दाखिले के लिए भटकना पड़ता?”*
ओवैसी के विरोध पर राज्यपाल की कड़ी प्रतिक्रिया
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लगातार वक्फ कानून के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं और आरोप लगाते हैं कि इसके जरिए मुस्लिम समुदाय की संपत्तियां छीनी जा रही हैं। इस पर राज्यपाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा – “कुछ लोगों को सिर्फ विवाद खड़ा करने वालों की तलाश रहती है। मैं ऐसे लोगों को इग्नोर करता हूं। जैसे कोई कुत्ते को काटने वाले इंसान की तलाश में रहता है, मैं उस पर ध्यान नहीं देता।”
“दान देने वाला बनो, मांगने वाला नहीं”
राज्यपाल ने ‘मिल्लत बचाओ, मुल्क बचाओ’ कॉन्फ्रेंस में कहा कि समाज की ताकत उदारता में है। उन्होंने कहा – “मांगने वाला हमेशा कमजोर होता है, इसलिए हमें देने वाला बनना चाहिए। अगर वक्फ संस्थाएं गरीबों की मदद करतीं, तो आज इस कानून की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन दुर्भाग्य से, वक्फ ने एक स्कूल तक नहीं खोला।”
नोटिस: 2023 27वें सेमेस्टर (तृतीय सेमेस्टर) के आंतरिक परीक्षा संबंधी सूचना
इस बहस के बीच सवाल यह है कि क्या वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो पा रहा है या फिर यह सिर्फ राजनीतिक विवादों का हिस्सा बनकर रह गया है? राज्यपाल की टिप्पणी ने इस मुद्दे को एक नई दिशा दे दी है।