रोहिणी आचार्य का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। उनके समर्थकों ने इसे भाजपा पर सटीक प्रहार बताया, जबकि भाजपा के समर्थकों ने इसे गैर-जरूरी और भ्रामक करार दिया।
रोहिणी आचार्य का राजनीतिक कैरियर उनके पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत के साथ गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है। उन्होंने हमेशा अपने पिता और परिवार का समर्थन किया है और उनके खिलाफ किए गए किसी भी हमले का जवाब देने से पीछे नहीं हटी हैं।
उनके इस ताजे बयान ने राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है। जहां एक तरफ उनके समर्थक इसे सत्य और साहसी कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेताओं ने इसे एक और राजनीतिक नाटक बताया है।
राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयानों का उद्देश्य केवल विरोधी दल को नीचा दिखाना नहीं होता, बल्कि अपने समर्थकों में उत्साह और जोश भरना भी होता है।
अंबानी परिवार के मांगलिक आयोजन में लालू परिवार के सम्मिलित होने पर भाजपाईयों को बड़ा ऐतराज था और पेट में पड़ रहे मरोड़ों का आलम तो कुछ ऐसा था कि बिहार भाजपा ने अपने X ( ट्विटर ) हैंडल पर ये पोस्ट किया कि ‘ जिस अंबानी परिवार का राजद ने विरोध किया, उसके यहाँ पूरी ( पूड़ी ) खाने…
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) July 14, 2024
रोहिणी का यह बयान इसी रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहती हैं कि वे अपने परिवार और उनके सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।
आगे आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान के जवाब में भाजपा की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है। भारतीय राजनीति में इस प्रकार के बयानबाजी का सिलसिला लंबे समय से चलता आ रहा है, और यह संभावना है कि भविष्य में भी जारी रहेगा।