स्लम के बच्चों में नशे की लत देख डॉक्टर ने उठाया शिक्षा का बीड़ा: पीपल के पेड़ के नीचे कर रहे पढ़ाई की शुरुआत
डॉ. सोमेंदु मुखर्जी पिछले 5 वर्षों से समस्तीपुर में उन बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जो कभी नशे की गिरफ्त में थे। अब इन बच्चों की हालत में काफी सुधार हुआ है, वे पढ़ाई में रुचि लेने लगे हैं और नियमित रूप से स्कूल जाने लगे हैं।
समस्तीपुर शहर के पास स्थित माल गोदाम के स्लम एरिया में ‘उम्मीद पाठशाला’ नाम से यह स्कूल पीपल के पेड़ के नीचे चलता है। शाम 4 बजे से 6 बजे तक बच्चे खुद यहां पढ़ाई के लिए इकट्ठा होते हैं, और डॉ. मुखर्जी के पहुंचने पर उनकी कक्षाएं शुरू होती हैं। वर्तमान में इस स्कूल में लगभग 40 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जिन्हें बुनियादी शिक्षा दी जा रही है।
डॉ. मुखर्जी ने बताया कि कुछ बच्चों को जब बुनियादी शिक्षा आ गई तो उनका दाखिला पास के सरकारी विद्यालयों में भी कराया गया। आज इस क्षेत्र के करीब 20 बच्चे, जो पहले नशे के आदी थे, अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।
डॉ. मुखर्जी ने ‘उम्मीद समूह’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 12 बटालियन एनसीसी के पूर्व छात्र अमरजीत कुमार, श्वेता गुप्ता, आदेश, हेमा, कुमकुम, खुशबू, नवनीत, सुमित भारती, विजय, अभिषेक, और ऋषिकेश झा के साथ मिलकर ‘मिशन शिक्षा दान’ की शुरुआत की।
उम्मीद पाठशाला को समस्तीपुर जिला के विभिन्न प्रखंडों में स्थापित किया गया है, जहां शाम के समय कक्षाएं लगती हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है गरीब, बेसहारा, कचरा बीनने वाले, नशे की लत में पड़े और शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना और उनका नामांकन नजदीकी सरकारी स्कूलों में कराना। साथ ही, बच्चों को होमवर्क में मदद करने से लेकर पाठ्य सामग्री और स्टेशनरी जैसी जरूरत की सभी चीजें मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाती हैं।
डॉ. मुखर्जी इस संस्था के मेडिकल विंग के अध्यक्ष भी हैं और समय-समय पर स्लम एरिया में मेडिकल कैंप का आयोजन भी करवाते हैं।