पटना से दिल्ली तक सनसनी: 9400 आशा कार्यकर्ताओं का सरकारी रिकॉर्ड से गायब होना
राज्य के 38 जिलों में कार्यरत 9400 आशा कार्यकर्ता सरकार के रिकॉर्ड से गायब पाए गए हैं। मामला सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी सिविल सर्जन को इन गायब आशा कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड जुटाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। आरसीएच पोर्टल पर 99674 आशा रजिस्टर्ड हैं, जबकि अश्विन पोर्टल पर केवल 90294 आशा ही दिखाई जा रही हैं। इस बड़ी संख्या में अंतर के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है और 9400 आशा कार्यकर्ताओं के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है।
मोबाइल एकेडमी कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह खुलासा हुआ कि राज्य सरकार के अश्विन पोर्टल से 9400 आशा का नाम गायब है। इसके चलते पटना से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है।
सबसे अधिक आशा कार्यकर्ता पश्चिमी चंपारण से गायब हैं, जहां 4822 में से 1227 का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। भागलपुर, अररिया, मुजफ्फरपुर, पटना और गया जैसे जिलों में भी कई आशा कार्यकर्ता गायब पाए गए हैं। मुख्यालय ने दोनों पोर्टल पर आशा की संख्या में अंतर की पूरी रिपोर्ट मांगी है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि रिटायरमेंट या नई आशा के योगदान के बाद रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण यह अंतर हो सकता है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है, और इसे सुलझाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है।