बिहार में मानसून की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए बारिश नहीं, बल्कि आसमान से मौत की बरसात हो रही है। राज्य के पांच जिलों में ठनका गिरने से किशोरी समेत 12 लोगों की जान चली गई। इनमें गया के छह, पटना के तीन, नवादा, सासाराम और औरंगाबाद के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। गया जिले में सबसे अधिक मौतें हुई हैं, जहां बेलागंज प्रखंड के पनारी गांव में नन्हकी देवी (48), जितेन्द्र प्रसाद (50), मीना देवी (48), शंकर राम (51) और बली भगत (62) ठनका की चपेट में आकर मारे गए। अतरी में भी एक व्यक्ति की जान चली गई है। इससे पहले मंगलवार और बुधवार को भी 11 लोग ठनका गिरने से मारे गए थे।
पटना के फतुहा में ठनका गिरने से एक महिला और एक किशोरी की मौत हो गई। पचरुखिया थाने के उसफा गांव में गुरुवार को लगभग दस बजे खेत में काम कर रही किरण देवी (45) और 10 वर्षीय शशिमाला के ऊपर ठनका गिरा, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मुआवजे की प्रक्रिया पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पूरी की जाएगी।
पटना के नीमी गांव के सुरेश सिंह यादव और फतुहा के उसफा गांव की किरण देवी और शशिमाला के अलावा, रोहतास के नावाडीह कला गांव की प्रमिला देवी (37), नवादा के ननौरी गांव के छोटू मांझी, और औरंगाबाद के बिलारू गांव की सरिता देवी ने भी ठनका गिरने से अपनी जान गंवाई। अधिकतर मौतें खेत में काम करते समय हुई हैं। वहीं, भभुआ के अधौरा में ठनका गिरने से एक बच्ची और चार मजदूर झुलस गए।
गया में जिन छह लोगों की मौत हुई, वे सभी खेत में काम कर रहे थे। तेज बारिश से बचने के लिए वे एक एस्बेस्टस छत वाले कमरे में चले गए थे, जहां ठनका गिरने से नन्हकी देवी, जितेन्द्र प्रसाद, मीना देवी, शंकर राम और बली भगत की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में अफरातफरी मच गई और ग्रामीणों ने घायल और मृतकों को अस्पताल पहुंचाया।