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पटना में मेट्रो ट्रेन की शुरुआत की तारीख घोषित, एयरपोर्ट से पटना साहिब तक होगा विस्तार

बिहार में मेट्रो ट्रेन का सपना जल्द ही हकीकत बनने वाला है। पटना में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी जोर-शोर से जारी है। सरकार ने इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जायका फंड में देरी के कारण, अब नन जायका फंड से मेट्रो के प्राथमिकता कॉरिडोर का काम करवाने की योजना बनाई जा रही है। नगर विकास विभाग इस कॉरिडोर पर सिग्नल, कोचिंग और ट्रैक्शन कार्यों के लिए अलग फंड का उपयोग करने पर विचार कर रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले बिहारवासियों का मेट्रो में सफर करने का सपना पूरा हो सकता है।

पटना के साथ-साथ राज्य के चार अन्य शहरों में भी मेट्रो प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। नवंबर तक संभाव्यता (फिजिबिलिटी) रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद, जनवरी तक डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का काम पूरा करने की योजना है। इसके अलावा, पटना एयरपोर्ट और पटना साहिब तक मेट्रो विस्तार के लिए भी डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसी राइट्स से अनुरोध किया जाएगा।

पटना में मेट्रो निर्माण के लिए जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) की मदद से दो कॉरिडोर पर काम चल रहा है। सरकार की योजना कॉरिडोर-2 पर मलाही पकड़ी से आईएसबीटी बैरिया के बीच प्राथमिकता के आधार पर मेट्रो शुरू करने की है। यदि जायका फंड से काम होता, तो 2026 तक मेट्रो का परिचालन शुरू हो पाता, लेकिन राज्य सरकार अब अलग फंड से कुछ काम करके जुलाई 2025 तक मेट्रो शुरू करने का प्रयास कर रही है।

इसके लिए नगर विकास विभाग और निर्माण एजेंसी डीएमआरसीएल के बीच चर्चा हो चुकी है। पिलर निर्माण पूरा हो चुका है, और अब ट्रैक बिछाने का काम होना बाकी है। सरकार की योजना मेट्रो को पटना एयरपोर्ट और पटना साहिब गुरुद्वारा तक विस्तार देने की भी है, जिस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। डीपीआर तैयार करने के लिए गुड़गांव स्थित एजेंसी राइट्स से अनुरोध किया जाएगा।

गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में भी मेट्रो शुरू करने की तैयारी चल रही है। गुड़गांव की एजेंसी राइट्स को इन शहरों में मेट्रो की संभाव्यता (फिजिबिलिटी) का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिस पर सात करोड़ रुपए खर्च होंगे। सर्वे के बाद राइट्स को चार महीने में रिपोर्ट देनी है, जिसमें मेट्रो परिचालन की फिजिबिलिटी, कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान और अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट शामिल होगी। इसके बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा, जिसे जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद मेट्रो परियोजना के कार्य को प्रारंभ करने की स्वीकृति ली जाएगी।

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