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बिहार में फर्जी दरोगा बनने की कहानी: मां के खुलासे ने पुलिस को किया हैरान

मुजफ्फरपुर पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है:-

जो खुद को बीए पास दरोगा बताकर लोगों से वसूली कर रहा था। सोमवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार, यह युवक मुख्य सड़क पर जलेबिया मोड़ के पास पुलिस की वर्दी पहनकर अपना रौब दिखा रहा था और इसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने उसके पास से दो सितारे वाली वर्दी, बिहार पुलिस का लोगो, अशोक स्तंभ के साथ एक ब्राउन-रेड बेल्ट और नेम प्लेट बरामद की है। इस फर्जी दरोगा की पहचान रोशी गांव के निवासी 28 वर्षीय श्रवण कुमार के रूप में हुई है, जो सीतामढ़ी में एक फाइनेंस बैंक में लोन स्टाफ के रूप में काम करता था। रक्षा बंधन के मौके पर वह अपने गांव आया था और साथ में यह वर्दी भी लेकर आया था क्योंकि उसे वर्दी पहनने का बहुत शौक था।

श्रवण की मां, ललिता देवी ने बताया कि श्रवण को वर्दी पहनकर अपनी बहन के साथ राखी बंधवाते हुए फोटो खिंचवाने का बड़ा शौक था। इसलिए वह यह वर्दी लेकर आया था। रक्षा बंधन से एक दिन पहले उसने वर्दी पहनकर अपनी बाइक से चौक की ओर रुख किया और वहीं पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

श्रवण के पिता, टुनटुन ठाकुर, अरुणाचल प्रदेश में एक सैलून में नौकरी करते हैं। श्रवण की शादी 9 साल पहले हुई थी और उसके दो बच्चे भी हैं। उसकी पत्नी रीमा देवी भी ग्रेजुएट हैं। श्रवण की पत्नी रीमा कुमारी ने बताया कि उनके पति रविवार को सीतामढ़ी से घर आए थे। वे रक्षा बंधन के मौके पर घर पहुंचे थे और यह वर्दी भी वहीं से लेकर आए थे। शाम को 5 बजे उन्होंने वर्दी पहनकर बच्चों के साथ फोटो खिंचवाई थी। रीमा ने उन्हें टोका भी कि यह वर्दी सभी के लिए नहीं होती, लेकिन श्रवण ने उनकी बात नहीं मानी।

 

इसके बाद, जब बच्चों ने चाउमीन खाने की जिद की, तो श्रवण वर्दी पहनकर ही चौक की ओर चले गए। कुछ समय बाद, खबर मिली कि श्रवण को फर्जी पुलिस बनकर वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। रीमा ने बताया कि श्रवण अक्सर 15-20 दिनों के अंतराल पर एक-दो दिनों के लिए घर आता था।

डीएसपी ईस्ट, सहियार अख्तर ने बताया कि 18 अगस्त की रात करीब 10 बजे सूचना मिली कि एक व्यक्ति सर्फुद्दीनपुर चौक पर वाहन चेकिंग के नाम पर लोगों से वसूली कर रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने श्रवण कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि यह उसकी पहली बार की कोशिश थी, जिसमें वह फर्जी दरोगा बनकर लोगों से वसूली कर रहा था।

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