बिहार सचिवालय और अधीनस्थ कार्यालयों में कर्मचारियों की लेट-लतीफी पर अब सख्ती बरती जाएगी। राज्य सरकार ने पाया है कि बायोमेट्रिक हाजिरी में लापरवाही और समय पर कार्यालय न पहुंचने की समस्या आम हो गई है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस गैरजिम्मेदार रवैये पर गंभीर रुख अपनाते हुए सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि देर से आने वाले कर्मचारियों को पहले चेतावनी दी जाएगी। अगर सुधार नहीं हुआ, तो उनकी छुट्टियों में कटौती की जाएगी, और इसके बाद भी स्थिति नहीं बदली तो वेतन में कटौती का आदेश लागू किया जाएगा।
गुरुवार को मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर 2007 से लागू पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि यह पहले से तय है कि सभी कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायोमेट्रिक सिस्टम पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। लेकिन, इसके बावजूद लापरवाही की शिकायतें सामने आ रही हैं।
पत्र में निर्देश दिया गया है कि कार्यालय समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और इसके लिए विभागीय अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करें। विलंब करने वाले कर्मचारियों को पहले हिदायत दी जाए, और सुधार न होने पर उनके अवकाश और वेतन में कटौती की प्रक्रिया अपनाई जाए। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में विभागाध्यक्ष छूट दे सकते हैं।
इसके साथ ही, जो कर्मचारी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं या जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई चल रही है, उनकी उपस्थिति पंजी में दर्ज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पांच दिवसीय कार्य सप्ताह का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करना है, इसलिए इस नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा।