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वक्फ बोर्ड बिल पर तेजस्वी का विरोध: “अफसोस है कि CM कर रहे हैं समर्थन

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बिहार की राजनीति में गहमागहमी बढ़ गई है। इस बिल के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के संबंधित लोगों ने मुलाकात की और अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। दूसरी ओर, विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे इस बिल को किसी भी कीमत पर संसद से पारित नहीं होने देंगे।

लालू प्रसाद अकिलियत के मुद्दे पर संवेदनशील

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि उनसे मिलने आए और वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के बारे में विस्तार से बातचीत हुई। तेजस्वी ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद हमेशा अल्पसंख्यकों के हर मुद्दे पर संवेदनशील रहे हैं और किसी भी धार्मिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा कि इन संशोधनों से न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्मों की धार्मिक, सांस्कृतिक और संपत्ति के अधिकारों पर भी असर पड़ेगा और यह एक गलत मिसाल कायम करेगा।

बिल का उद्देश्य और राजद का विरोध

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि राजद पार्टी मोदी-नीतीश एनडीए द्वारा लाए गए इस गैर-संवैधानिक और गैर-जरूरी संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करती है। उनका कहना है कि यह बिल देश के सेक्युलर ताने-बाने को तोड़ने और धार्मिक उन्माद फैलाने के मकसद से लाया गया है। उन्होंने आए हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि राजद उनके साथ खड़ी है और इस बिल को संसद में पारित नहीं होने देगी।

तेजस्वी ने इस बात पर भी दुख व्यक्त किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बिल के समर्थन में हैं।

ललन सिंह का समर्थन और नीतीश कुमार की चुप्पी

इस बिल पर लोकसभा में जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने समर्थन में अपनी बात रखी, लेकिन इसके बाद जेडीयू के कई मुस्लिम नेताओं ने इस पर विरोध जताया। ललन सिंह ने अपने समर्थन के बाद चुप्पी साध ली है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है कि वे इस बिल के समर्थन में हैं या विरोध में।

इससे स्पष्ट है कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल ने बिहार की राजनीतिक गलियों में हलचल मचा दी है, जहां विपक्ष इसे धार्मिक हस्तक्षेप मानते हुए कड़ा विरोध कर रहा है, वहीं सत्ताधारी पक्ष का रुख अब तक स्पष्ट नहीं है।

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