केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया
बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया कि देश में जाति के आधार पर जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जाति से संबंधित आंकड़ों को मुख्य जनगणना प्रक्रिया में ही शामिल किया जाएगा।
मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया।
2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार…
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 30, 2025
इस वर्ष सितंबर महीने से जनगणना शुरू होने की संभावना है और इसे पूरा करने में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है। इस हिसाब से, जनगणना के अंतिम परिणाम 2026 के अंत या 2027 के प्रारंभिक महीनों में सामने आ सकते हैं। हालांकि, सरकार ने अभी तक जनगणना की शुरुआत की कोई आधिकारिक तिथि नहीं बताई है।
बता दें कि पिछली जनगणना, जो 2021 में होनी थी, कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। भारत में जनगणना की प्रक्रिया प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर आयोजित की जाती है।