वाहनों पर ‘प्रेस’ और ‘पुलिस’ लिखकर रौब जमाने वालों की खैर नहीं
अब बिना अधिकृत अनुमति के गाड़ियों पर ‘प्रेस’, ‘पुलिस’, ‘आर्मी’ या अन्य सरकारी पहचान दर्शाने वाले शब्द लिखकर घूमना भारी पड़ेगा। डीजीपी विनय कुमार ने साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसे वाहनों की बारीकी से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गलत पहचान दिखाकर अपराध की आशंका
डीजीपी ने अपने आदेश में कहा कि कई लोग अपने निजी वाहनों पर ‘प्रेस’, ‘पुलिस’ या ‘आर्मी’ जैसे शब्द अंकित कर बेवजह रौब झाड़ते हैं। कई मामलों में असामाजिक तत्व भी इस प्रकार की पहचान का गलत फायदा उठाकर अपराध को अंजाम देते हैं। इससे न केवल कानून-व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि आम जनता में भी भ्रम और भय की स्थिति पैदा होती है।
गाड़ियों की होगी सख्त जांच
अब ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन को यह आदेश दिया गया है कि वे सड़कों पर चलने वाले ऐसे वाहनों की नियमित रूप से जांच करें। यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से अपने वाहन पर प्रेस, पुलिस या अन्य किसी सरकारी विभाग से संबंधित शब्द लिखवाए हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अपराध नियंत्रण के लिए सख्ती जरूरी
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि अपराध पर नियंत्रण और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों और यातायात अधिकारियों को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं।
जनता से सहयोग की अपील
डीजीपी ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि वे अपने आसपास किसी संदिग्ध वाहन को देखते हैं, जिस पर फर्जी पहचान अंकित है, तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि अपराध पर नियंत्रण और बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और जनता का संयुक्त सहयोग बेहद जरूरी है।
पुलिसकर्मियों के लिए भी निर्देश
डीजीपी ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्वयं इस नियम का पालन करें और किसी भी असामाजिक गतिविधि में शामिल न हों। उन्होंने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस अधिकारियों को अनुशासन बनाए रखने और अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने की भी हिदायत दी।
जल्द शुरू होगा विशेष अभियान
इस निर्देश के बाद जल्द ही राज्यभर में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बिना अनुमति के प्रेस, पुलिस या अन्य सरकारी पहचान दर्शाने वाले वाहनों की गहन जांच की जाएगी। दोषियों पर तुरंत जुर्माना लगाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
डीजीपी के इस कदम से कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।