शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब पीकर मौत का सिलसिला जारी है। ताजा मामला वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र के मझौली गांव का है, जहां दो युवकों की मौत हो गई और एक अन्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के दौरान शराब में जहर मिलाकर पिलाया गया, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, पुलिस इस मामले में एक अलग ही थ्योरी पेश कर रही है। बावजूद इसके, बिहार पुलिस के पास इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि सख्त कानून और भारी खर्च के बावजूद शराब बिहार में कैसे पहुंच रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है।
विदुपुर की इस घटना में एक अन्य युवक, कमलेश कुमार, गंभीर हालत में पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती है। मृतक शौर्य कुमार उर्फ छोटू के पिता बिपिन राय ने कंकड़बाग थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि रोहित कुमार समेत पांच लोगों ने शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर उनके बेटे की हत्या कर दी। छोटू, जो 22 साल का था और एक निजी कंपनी में टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत था, को खाने पर बुलाया गया था।
दूसरे मृतक सतीश कुमार, लखनी गांव निवासी सूदन राय के 31 वर्षीय पुत्र थे। वहीं, छोटू के बहनोई, 35 वर्षीय कमलेश कुमार, जो तेरसिया दीवानटोक के निवासी हैं, का इलाज अभी भी चल रहा है। बुधवार की शाम तीनों ने गांव में मुर्गा पार्टी की थी, जहां शराब में कुछ मिलाकर पिलाया गया। कुछ घंटों बाद तीनों की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें हाजीपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उन्हें पटना रेफर किया गया, जहां छोटू और सतीश की मौत हो गई।
इस घटना पर वैशाली एसपी हरकिशोर राय का कहना है कि पार्टी के लिए तीनों को फोन कर बुलाया गया था और खाने-पीने की चीजों में कुछ जहरीला पदार्थ मिला दिया गया था। पुलिस इस मामले में शराब का नाम लेने से बच रही है, जबकि मृतकों के परिजन साफ तौर पर कह रहे हैं कि पार्टी में शराब परोसी गई थी।