रिशु श्री केवल जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस के विभागों के टेंडर प्रक्रियाओं में मध्यस्थता करता था या अन्य अधिकारियों के विभागीय कार्यों में भी उसकी संलिप्तता थी, इसकी गहन जाँच माननीय न्यायालय की देखरेख में सीबीआई द्वारा कराई जानी चाहिए। इससे भ्रष्टाचार में शामिल अन्य अधिकारियों को भी संजीव हंस की तरह कानून के शिकंजे में लाया जा सके और वे भी सलाखों के पीछे पहुँचें।
रिशु श्री सिर्फ जेल में बंद IAS अधिकारी संजीव हंस के विभागों के टेंडर की मध्यस्थता करता था या अन्य अधिकारियों के विभागों भागों का, इसकी जांच माननीय न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से हो ताकि भ्रष्टाचार में संलिप्प अन्य अधिकारी भी संजीव हंस की तरह सलाखों के पीछे हो l pic.twitter.com/09CdwehkL0
— Bihar Congress (@INCBihar) May 4, 2025