बिहार में वेटरनरी डॉक्टर करेंगे घर-घर जानवरों का इलाज,मुफ्त दवाइयों के साथ 534 मोबाइल वैन तैयार
बिहार सरकार 3 करोड़ 35 लाख से अधिक जानवरों का घर-घर जाकर इलाज करेगी। इसके लिए मोबाइल ऐप (किसान पशुपालक ऐप), कॉल सेंटर (1962), और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए 1,100 वेटरनरी डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 534 प्रखंडों के लिए एक-एक मोबाइल वैन की व्यवस्था की है और डोर-स्टेप पशु चिकित्सा सेवा की शुरुआत की है। बिहार में कुल 1,135 वेटरनरी हॉस्पिटल हैं, जिनमें 1,100 डॉक्टर स्थायी रूप से कार्यरत हैं। पशुपालन विभाग की प्रधान सचिव, डॉ. एन विजयलक्ष्मी, ने बताया कि वेटरनरी के पास आउट होने वाले सभी छात्रों को नौकरी मिल चुकी है और कोई भी बेरोजगार नहीं है।
इस सेवा के तहत हाथी, घोड़ा, मुर्गा, बकरी, भैंस और अन्य सभी जानवरों का मुफ्त इलाज किया जाएगा, और दवाइयाँ भी मुफ्त में दी जाएंगी। पशुपालन मंत्री रेणु कुमारी ने बताया कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर या किसान पशुपालक ऐप के जरिए वेटरनरी डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की टीम जानवरों का इलाज उनके घर जाकर करेगी, और टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी ऑडियो-वीडियो कॉल के जरिए जानकारी प्रदान की जाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि हर वेटरनरी डॉक्टर को प्रतिदिन दो गांवों में जाकर शिविर लगाना होगा और जानवरों का इलाज करना होगा।
227 प्रखंडों में, जहां बिहार सरकार को अपने खजाने से मोबाइल वैन खरीदनी पड़ी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डोर-स्टेप पशु चिकित्सा सेवा का शुभारंभ किया। आत्मनिर्भर बिहार निश्चय पार्ट-2 के तहत वैन की व्यवस्था की गई है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार का 60-40 प्रतिशत योगदान है।
पशुपालन मंत्री रेणु कुमारी ने नीलगायों की समस्या पर भी बात की, जो किसानों की फसल बर्बाद कर रही हैं। सरकार नीलगायों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी पर विचार कर रही है।
इस योजना के तहत अब पशुपालकों को वेटरनरी हॉस्पिटल का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वेटरनरी डॉक्टर अब घर-घर जाकर जानवरों का इलाज करेंगे। पशुपालन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि A2 दूध और A1 दूध के फायदे के बारे में फैली हुई अफवाहें गलत हैं। डॉक्टर एन विजयलक्ष्मी ने बताया कि वेटरनरी साइंस में ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिससे यह सिद्ध हो कि A2 दूध, A1 दूध से अधिक फायदेमंद है।