धर्म

72 वर्षों में पहली बार: सोमवार से शुरू हो रहा श्रावण मास, जानें क्यों है ये विशेष

श्रावण मास 22 जुलाई से आरम्भ हो रहा है। इस वर्ष श्रावण का प्रथम दिन सोमवार को ही है। विशेष बात यह है कि श्रावण का अंतिम दिन भी सोमवार को है। समस्तीपुर के भागवत कथा-वाचक पंडित विजयशंकर झा के अनुसार इस प्रकार श्रावण मास का प्रारंभ और समापन दोनों सोमवार को होना अत्यंत शुभ माना जा रहा है। यह संयोग 72 वर्षों बाद आया है और इस बार पांच सोमवार होने का भी विशेष महत्व है। श्रवण नक्षत्र में आने वाली पूर्णिमा के कारण इस मास का नाम श्रावण पड़ा है।

इसे भी पढ़ें :-यूपी में सियासी भूचाल: सरकार-संगठन तकरार के बीच सोनम किन्नर ने दिया इस्तीफा

इसे भी पढ़ें :-मोहनपुर के जलालपुर में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला: जिम्मेदार कौन?

श्रावण मास के कई पौराणिक महत्व हैं। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे हरिशयनी एकादशी कहते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु जागते हैं। इस दौरान चार महीनों तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। श्रावण माह शिव भक्ति का मास है और इसे महादेव के भक्त बड़े ही भक्तिपूर्ण वातावरण में मनाते हैं। देव-दानव युद्ध के समय समुद्र-मंथन से निकले 14 रत्नों में सबसे पहले कालकूट विष निकला था, जिसे ग्रहण करने को कोई तैयार नहीं हुआ। अंततः महादेव ने इस विष को ग्रहण किया और संसार को जलने से बचाया।

इसे भी पढ़ें :-बेगूसराय में दर्दनाक हादसा: हाइवा की टक्कर से छात्रा की मौत

महादेव ने इस विष को अपने कंठ में स्थिर कर लिया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। इस विष की जलन को शांत करने के लिए इंद्र ने वर्षा की, जिससे शिवजी को राहत मिली। तभी से जलाभिषेक द्वारा श्रावण में भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। श्रावण में जलाभिषेक का विशेष महत्व है। जल के अलावा मधु, दूध, दही, घी, फलों के रस से भी अभिषेक कर भगवान शिव को शीतलता प्रदान की जाती है। श्रावण मास में सोलह सोमवार व्रत का अनुष्ठान भी आरंभ होता है, जिससे सुंदर जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। श्रावण मास में ही पार्वती जी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था।

One thought on “72 वर्षों में पहली बार: सोमवार से शुरू हो रहा श्रावण मास, जानें क्यों है ये विशेष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *