मानसिक स्वास्थ्य के बिना भावनात्मक संतुलन असंभव: प्राचार्य
गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलीटेक्निक में मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और आत्महत्या की रोकथाम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि सदर अस्पताल के एसीएमओ डॉ. नवीन कुमार, मनोचिकित्सक डॉ. रवि अंश और डॉ. आकांक्षा ने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने और अवसाद से दूर रहने के टिप्स दिए। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. वरूण कुमार राय ने अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर शिक्षक डॉ. विनीत कुमार, डॉ. प्रकाश कुमार और प्रो. चांदनी कुमारी भी उपस्थित थे।
अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य ने कहा कि यह जागरूकता कार्यक्रम आज की आवश्यकता है। मानसिक स्वास्थ्य एक सकारात्मक अवधारणा है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक संसाधनों के साथ-साथ शारीरिक क्षमता पर भी ध्यान देती है। भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने के लिए हमें शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहना आवश्यक है। इस उद्देश्य से विज्ञान, प्रावैधिक और तकनीकी शिक्षा विभाग की पहल पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
मनोचिकित्सक डॉ. रवि अंश ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। यदि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, तो आत्महत्या जैसी घटनाओं से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल दुनियाभर में लगभग 70 लाख लोग आत्महत्या करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 15 से 19 साल के युवाओं में मृत्यु की चौथी सबसे बड़ी वजह आत्महत्या है। सही समय पर उचित सलाह और परामर्श से आत्महत्या को काफी हद तक रोका जा सकता है। डॉ. आकांक्षा ने छात्राओं को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के उपाय भी विस्तार से बताए।
डॉ. नवीन ने विभिन्न प्रकार की मानसिक बीमारियों के बारे में बताते हुए उनसे बचाव के उपायों पर छात्राओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जीवन बहुमूल्य है और असफलता हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं डालनी चाहिए। छात्राओं के लिए एक प्रश्नावली सत्र भी रखा गया, जिसमें डॉक्टरों ने उनके सवालों के जवाब दिए। कार्यक्रम में प्रो. विभा कुमारी, प्रो. चांदनी कुमारी, प्रो. एकता कुमारी, प्रो. आफशां, प्रो. सुफिया जेबा, प्रो. सौरभ और प्रो. उज्ज्वल कुमार पाठक उपस्थित थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. चांदनी कुमारी ने किया।