इस्तीफे के बाद से लापता पटोरी BPRO की पत्नी ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार, जिला प्रशासन भी चिंतित
जिले के पटोरी प्रखंड में बीपीआरओ कुंदन कुमार ठाकुर इस्तीफा देने के बाद से लापता हैं। पिछले तीन दिनों से उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है और उनके दोनों मोबाइल फोन बंद हैं। जिला प्रशासन द्वारा लगातार खोजबीन के बाद भी उनकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। डीएम रोशन कुशवाहा भी इस मामले को लेकर चिंतित हैं। वहीं, वैशाली जिले के जंदाहा थाना क्षेत्र के दीनदयालपुर की रहने वाली उनकी पत्नी स्नेहा सोनम ने सोमवार शाम को पटोरी थाने में आवेदन देकर अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए उनके सुरक्षित मिलने की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार, बीपीआरओ कुंदन कुमार ने तीन दिन पहले वर्कलोड और वेतन-भत्तों में देरी से परेशान होकर अपने पद से इस्तीफा दिया था। पटोरी थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में स्नेहा सोनम ने बताया कि उनके पति पटोरी प्रखंड में बीपीआरओ के पद पर कार्यरत थे और मोहनपुर प्रखंड का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। उन्हें सोमवार सुबह 10 बजे यह सूचना मिली कि उनके पति ने तीन दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 4 अक्टूबर को इस्तीफा देने के बाद से उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है।
स्नेहा ने बताया कि 3 अक्टूबर की रात करीब 8 बजे कुंदन ने उन्हें कॉल किया था, और दोनों के बीच लगभग 57 मिनट तक बात हुई थी। कुंदन का हाजीपुर में भी घर है, और वे वहां से अपनी कार द्वारा पटोरी और मोहनपुर प्रखंड आते-जाते थे। 4 अक्टूबर के बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया है। पटोरी थानाध्यक्ष कुणाल चंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। कुंदन कुमार ठाकुर की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पटोरी के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी कुंदन कुमार ठाकुर ने अपने सीनियर अधिकारियों पर अत्यधिक कार्यभार, दबाव, संसाधनों की कमी, और वेतन लंबित रखने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को सौंपा था और इसकी कॉपी बीडीओ, एसडीओ और डीएम को भी दी थी। उनका इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर कुंदन ठाकुर का इस्तीफा पत्र पोस्ट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में प्रशासनिक अराजकता का माहौल है और पदाधिकारी कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर हैं। बीपीआरओ कुंदन कुमार ने अपने इस्तीफे में कहा था कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, गाड़ी के भाड़े का भुगतान 9 महीने से लंबित है, कार्य का अत्यधिक दबाव है और संसाधनों की कमी है।