विभिन्न स्थलों पर आधे दर्जन से अधिक विगत 30 वर्ष पूर्व बने लोहा का पुल जर्जर
अलौली । प्रखंड में लगभग दर्जन भर स्थलों पर छोटी बागमती नदी पर दो गांव के बीच कई गांवों को जोड़ने हेतु लोहा का पुल विगत 30-40 वर्ष पहले निर्माण किया गया था किंतु वर्तमान स्थिति यह है कि कई जगह पर पूल या तो ध्वस्त हो चुका है या गिर चुका है, टूट चुका है, कई जगह पर लोहा काट लिया गया है और कई जगह पर पूर्णत: जर्जर जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। किसी प्रकार से लोग नदी को पार कर आवाजाही करने को भी विवश हैं। किसी भी वक्त उक्त पूल गिर सकता है जिससे बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है कुछ पूल ऐसे हैं जहां लोग सुबह-शाम ताजी हवा के लिए उस पुल पर बैठते हैं, चौपाल लगती है।
सामाजिक आर्थिक राजनीतिक बौद्धिक बातें पार्क के अभाव में पूल पर ही बैठकर घंटों समय बिताते हैं। कुछ पूल पर छोटी-छोटी दुकान भी सजते हैं। बथनाहा गढबनी के बीच बागमती नदी पर पूल बनी हुई है जिसका दृश्य फोटो से ही पूल की स्थिति से अवगत हो सकते हैं। बड़तर, बुढ़वा, पर्री, बुधौरा, गौड़ाचक, मुजौना सिमरहा, बहादुरपुर, पनपीबी भिखारी घाट , अंबा आदि स्थलों पर या तो पूल अस्तित्व खो चुकी है या अस्तित्व खोने की कगार पर है। बड़तर मोरकाही निकट बनी पीसीसी पूल जन सहयोग से किसी तरह से चलने व नदी पार करने लायक बनाया गया था। उक्त सभी स्थलों पर पक्की पुल निर्माण करने की जरूरत है। इस ओर किसी जनप्रतिनिधि प्रशासन सरकार का ध्यान नहीं जाता है, किसी उद्धारक का तलाश है।
उक्त स्थिति परिस्थिति में बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष सह देश बचाओ अभियान फरकिया मिशन के संस्थापक अध्यक्ष किरण देव यादव, पूर्व सरपंच महेश्वर यादव पप्पू कुमार चंदन कुमार , वार्ड सदस्य फूलो कुमार, सरपंच श्रवण कुमार ने आदि ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कर उक्त स्थलों पर पक्की पूल निर्माण करने की मांग किया है ताकि किसी भी संभावित बड़ी घटना को समय रहते रोका जा सके।
Pingback: आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा जेडीयू में शामिल हो गए हैं