TRE 4 के पूर्व STET परीक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज, अभ्यर्थी बोले- हमारी मांग सुने!
पटना में छात्रों ने एक बड़ा प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्होंने टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TRE-4) से पहले बिहार सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) आयोजित कराने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि बिना STET के TRE-4 परीक्षा लेना छलावा है, और सरकार जानबूझकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
छात्रों का आक्रोश: सड़कों पर उतरा युवाओं का हुजूम
प्रदर्शनकारी छात्रों का आंदोलन पटना विश्वविद्यालय के पास से शुरू हुआ, जहां से वे भिखना पहाड़ी, गांधी मैदान, डाक बंगला चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचना चाहते थे। छात्रों के हाथों में “STET नहीं तो वोट नहीं”, “हमें पात्रता चाहिए, नौकरी नहीं” जैसे नारे लिखी तख्तियां थीं। कई छात्राओं ने भी इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और तिरंगा लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

“डेढ़ साल से नहीं हुई STET परीक्षा, सरकार हमें ठग रही है”
एक प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया, “सरकार पिछले डेढ़ साल से STET का आयोजन नहीं कर रही है, जिसकी वजह से दो सत्रों के लगभग पांच लाख छात्र परीक्षा से वंचित रह गए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जो छात्र 2023-24 बैच का है, उसे अभी तक मौका नहीं मिला। अगर सरकार ने डोमिसाइल दिया है, तो STET देने में क्या दिक्कत है?”
कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर STET परीक्षा को टाल रही है ताकि TRE-4 में बाहरी उम्मीदवारों को फायदा मिल सके। उनका कहना था, “हम सिर्फ पात्रता परीक्षा की मांग कर रहे हैं, नौकरी की नहीं। अगर सरकार को हमारी भीड़ दिखाई नहीं देती, तो फिर हम क्या कहें?”

पुलिस ने किया सख्त बंदोबस्त, बैरिकेडिंग पर चढ़े छात्र
छात्रों के इस बड़े प्रदर्शन को देखते हुए पटना पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात कर दी। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर छात्रों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ छात्र बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। पुलिस ने भारी संख्या में फोर्स तैनात करके छात्रों को आगे बढ़ने से रोका।
यातायात जाम, शहर में तनाव
प्रदर्शन के दौरान पटना के कई इलाकों में यातायात जाम की स्थिति बन गई। छात्रों का हुजूम जहां से गुजरा, वहां सड़कें बंद हो गईं, जिससे आम लोगों को परेशानी हुई। हालांकि, छात्रों ने साफ किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रख रहे हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।
क्या है STET और TRE-4 का विवाद?
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STET (बिहार सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) एक पात्रता परीक्षा है, जिसे पास करने के बाद ही उम्मीदवार बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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TRE-4 (टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम-4) शिक्षक भर्ती की परीक्षा है, जिसमें केवल STET पास उम्मीदवार ही शामिल हो सकते हैं।
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छात्रों का आरोप है कि सरकार ने STET का आयोजन नहीं किया, जिससे बड़ी संख्या में छात्र TRE-4 में बैठने से वंचित रह गए।
क्या सरकार सुनेगी छात्रों की मांग?
छात्रों का यह प्रदर्शन साफ संदेश देता है कि अगर सरकार ने जल्द STET परीक्षा आयोजित नहीं की, तो आंदोलन और बढ़ सकता है। उनकी मांग है कि शिक्षा विभाग में पारदर्शिता बरती जाए और समय पर परीक्षाएं आयोजित की जाएं। अब देखना होगा कि बिहार सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या छात्रों की न्यायसंगत मांग को पूरा करती है।
इस प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि युवाओं का आक्रोश बढ़ रहा है, और अगर सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।