बिहार में भारत बंद समर्थकों से हाथापाई, सिविल ड्रेस में थानाध्यक्ष ने बीच बाजार निकाली सर्विस पिस्टल
बेगूसराय में भारत बंद के दौरान एक घटना ने तूल पकड़ लिया, जब राहगीरों और बंद समर्थकों के बीच एक छोटी सी बहस अचानक हाथापाई में तब्दील हो गई। इस बीच, गढ़पुरा थानाध्यक्ष मनोज कुमार, जो सिविल ड्रेस में वहां मौजूद थे, ने अपनी कमर से पिस्टल निकाल ली और उसे दिखाकर धमकाने लगे। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है
थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि वे एक घटना की जांच के लिए गए थे और वापस लौटते समय देखा कि कुछ लोग उपद्रव कर रहे थे। चूंकि वे सिविल ड्रेस में थे, अपनी पहचान स्पष्ट करने के लिए उन्होंने पिस्टल निकाली।
थानाध्यक्ष मनोज कुमार हाल ही में इस पद पर नियुक्त हुए हैं। वे किसी काम से सिविल ड्रेस में बाजार गए थे, और लौटते समय गढ़पुरा बस स्टैंड के पास सड़क जाम कर रहे प्रदर्शनकारियों से उनका सामना हो गया। इसी दौरान उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल निकाल ली।
वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि भारत बंद के दौरान, जब वे ऑन ड्यूटी थे, दोपहर 12 बजे के करीब थानाध्यक्ष ने जीन्स और कुर्ता पहनकर वहां क्यों पहुंचे? ऐसी क्या परिस्थिति उत्पन्न हो गई कि समर्थकों से हाथापाई की नौबत आ गई? विधि-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी, ऐसे में ड्यूटी के समय सिविल ड्रेस में इस प्रकार का व्यवहार कैसे उचित हो सकता है?
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