देश

NDA में फूट: चिराग पासवान ने भारत बंद का किया समर्थन, मांझी ने जताया विरोध

21 अगस्त को देशभर में दलित संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण में सब-कटेगरी के फैसले के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। दलित संगठनों का कहना है कि यह फैसला संविधान विरोधी है। इस मुद्दे पर एनडीए में भी मतभेद उभरकर सामने आए हैं। भाजपा के सहयोगी दलों में चिराग पासवान की लोजपा (आर) ने भारत बंद का समर्थन किया है, जबकि जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने इसका विरोध किया है।

भारत बंद का समर्थन करने वाले प्रमुख दलों में मायावती की बीएसपी, लालू यादव की आरजेडी, मुकेश सहनी की वीआईपी और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी शामिल हैं। वहीं, विरोध में केवल जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ही नजर आ रही है।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भारत बंद को नेतृत्वविहीन और अनुचित करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि संपन्न दलित आरक्षण खत्म करने का झूठा भ्रम फैला रहे हैं, जिसका हम विरोध करते हैं। उनका कहना है कि बिहार में 18 जातियों को आरक्षण का लाभ अभी तक नहीं मिला है, जबकि इनकी आबादी 10% है। मांझी ने बिहार और केंद्र सरकार से आरक्षण में उपवर्गीकरण लागू करने की मांग की है और कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करेंगे।

दूसरी ओर, लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भारत बंद का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि जब तक समाज में छुआछूत जैसी प्रथाएं मौजूद हैं, तब तक एससी/एसटी श्रेणियों में सब-कटेगरी और क्रीमीलेयर जैसे प्रावधान नहीं होने चाहिए। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी भारत बंद को नैतिक समर्थन देने का ऐलान किया है और कहा है कि केंद्र सरकार को आरक्षण में सुधार के लिए अध्यादेश लाना चाहिए।

वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने भी भारत बंद का नैतिक और सैद्धांतिक समर्थन किया है, जबकि बीएसपी चीफ मायावती ने इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के साथ सफल बनाने का संकल्प लिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भी इस बंद के समर्थन में है।

1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने 6/1 के मत से एससी-एसटी में सब-कटेगरी बनाए जाने का फैसला सुनाया था, जिसे लेकर कई सियासी दलों ने असहमति जताई थी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *